वेस्‍ट बंगाल के मालदा जिले में एक परिवार ने अपनी जवान लड़की को गाय बांधने की जंजीर से नंगा करके बांध रखा है क्‍योंकि वे अपनी गरीबी की वजह से उसका इलाज नही करा पाए और पंचायत ने कहा कि अपनी लड़की को बांध के रखो या फिर गांव छोड़ दो.


गरीबी में इलाज असंभव
वेस्ट बंगाल के एक जिले मालदा में एक यंग लड़की को नंगा करके उसके घर के पिछवाड़े में बांध कर रखा है क्योंकि वे उसका इलाज नही करा पाए हैं. इस लड़की का नाम तृप्ति पाल है जिसकी उम्र 30 वर्ष है जिसे पिछले 16 सालों से बांध कर रखा गया है. अपनी बेटी के बारे बताते हुए मां बाप ने कहा कि वे अपनी बेटी को ठंड के मौसम में बोरे से और बारिश होने पर पॉलीथीन से ढक देते हैं. इसके अलावा वे उसे सुबह-शाम बासी चावल और आलू खिलाया जाता है. इसके आगे जाकर वे कहते हैं कि जब उनकी बेटी शौच करती है तो वे उस स्थान को मिट्टी और राख से ढक देते हैं. इसके साथ ही लड़की मां बाप ने बताया कि उसको कपड़े पहनाने पर वह उन्हें खोल देती है या फाड़ कर फेंक देती है. इसलिए हमने इसे नंगा रखना शुरू कर दिया है. इसके अलावा हम उसके पास पानी और खाना रख देते हैं जिससे उस जब जिस चीज की जरुरत पड़ती है वह उस चीज को इस्तेमाल कर लेती है. पंचायत ने कहा कि लड़की बांध कर रखो या गांव छोड़ो


जब इस लड़की को बांधकर रखे जाने का कारण पूछा गया तो मां बाप ने बताया कि उनकी बेटी गांव में लोगों को काट लेती थी. इसलिए पंचायत ने उसे बांधकर रखने को कहा. जब इस बात का पता लोकल प्रशासन को पता चली तो पूरे प्रशासनिक खेमे में हलचल मच गई. इस बारे में बामनगोला ब्लॉक के बीडीओ समीर कुमार डे के अनुसार किसी को जंजीर से बांध कर रखना किसी का अधिकार नही है. इस मामले में आवश्यक कदम उठाने के लिए ब्लॉक प्रशासन जल्द ही पीडि़त लड़की के घर जाएगी. इसके साथ लड़की के पिता गदाधर पाल और उसकी मां को ब्लॉक ऑफिस में बुलाया गया है. लड़की के पिता ने बताया कि उनकी बेटी सांतवी तक पढ़ी है और उसका इलाज भी कराया गया जो सफल नही हो सका. इसके बाद गांव में सालिसी सभा बुलायी गयी जिसमें यह तय हुआ कि या तो पिडि़त लड़की को जंजीर से बांध कर रखा जाए या फिर लड़की के घर वाले गांव छोड़ दें. इस बारे में टीएससी समर्थक तपति मुमरू ने कहा कि सालिसी सभा के बारे में नही जानती और लड़की के इलाज के लिए पंचायत की ओर से सरकारी सहायता का इंतजाम किया जायेगा.

Posted By: Prabha Punj Mishra