-पार्को की बदहाली के लिए कोई और नहीं बीडीए और नगर निगम ही है जिम्मेदार

-पार्को में पड़ा बिल्डिंग मैटेरियल और गिरे पड़े हैं जर्जर पोल, हादसे का रहता है खतरा

BAREILLY :

शहर के पटेल नगर में बच्चों के खेलने के लिए पार्क तो बने हैं लेकिन बच्चों को पार्क में खेलने के लिए नहीं मिल पाता है। इसके लिए जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि नगर निगम और बीडीए ही है, क्योंकि कॉलोनियों में पार्क तो बने हैं लेकिन उनकी देखरेख न होने के चलते बदहाल हो चुके हैं। पार्क अपना सौंदर्य खो चुके हैं। कॉलोनियों में पार्क पर लोगों ने कब्जा कर उसे पार्किंग बना दिया है, या फिर उसमें बिल्डिंग मैटेरियल आदि डाल रखा है। इससे पार्को में बच्चों के खेलने के लिए जगह ही नहीं मिल पाती है। शहर के बदहाल पार्को की हकीकत उजागर करने के लिए शुरू किए कैंपेन के तहत दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने सैटरडे को पटेल नगर और डीडीपुरम के पार्को की हकीकत जानी तो वहां भी पार्क बदहाल मिले।

बीडीए ही नहीं नगर निगम के पार्क बदहाल

नगर निगम के भी पार्क बदहाल हैं, शहर में नगर निगम और बीडीए दोनों के ही पार्क हैं। दोनों ही डिपार्टमेंट के अफसरों को उन मासूम बच्चों की खुशियों का ख्याल नहीं आता जिनके खेलने के लिए ये पार्क बनाए गए। पार्को की बदहाली के चलते शायद इन जिम्मेदारों के बच्चे भी पार्को में खेलने को तरसते होंगे, लेकिन उन्हें इसका अंदाजा भी नहीं है।

श्यामप्रसाद मुखर्जी पार्क

-पार्क में दो पोल जर्जर खड़े थे तीन माह पहले स्थानीय निवासी सुनील खत्री ने इसकी शिकायत पार्षद से की, तो उन्होंने नगर निगम को भी अवगत कराया। लेकिन वह पोलों को सुधारने के लिए कोई नहीं आया। आखिर में पोल एक माह पहले पार्क में गिर गए, तब से वह पोल पार्क में पड़े हैं। गिरे हुए पोल में करंट न आता हो इसी डर से स्थानीय लोग बच्चों को पार्क में खेलने भी नहीं भ्ोजते हैं।

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पार्क में बना दी पार्किंग

आवास विकास कॉलोनी पटेल नगर के पार्क को स्थानीय लोगों ने पार्किंग बना दिया है। पार्क की दीवार तोड़कर वहां पर कार पार्क की जा रही हैं। शाम होने के बाद पार्क में इतने वाहन पार्क कर दिए जाते हैं कि बच्चों के खेलने के लिए जगह ही नहीं बचती है। इसे लेकर न तो जिम्मेदार ध्यान दे रहे हैं और न ही यहां गाडि़यां पार्क करने वालों को अपने बच्चों की सेहत और उनकी ख्वाहिशों की परवाह है।

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पार्क में झ्ाूले न बेंच

डीडीपुरम में गंगाशील हॉस्पिटल के सामने बीडीए का एक पार्क है। पार्क में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी बना हुआ है, लेकिन सफाई नहीं होने के कारण बच्चे खेलने नहीं आते हैं। पार्क का आधा हिस्सा तो ठीक है लेकिन बैठने के लिए बेंच टूटी पड़ी हैं। इस पार्क में भी बच्चों के लिए खेलने के लिए कोई सुविधा नहीं है। पार्क में कुछ बच्चे सिक्के फेंक कर खेल रहे थे तो पूछने पर बताया कि यहां पर झूला तो है नहीं है तो गुच्ची खेलते हैं।

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बच्चों के लिए पार्क में जगह नहीं

पार्क में कभी सफाई तो होती नहीं है, हम लोग पार्क को साफ कर भी लेते हैं लेकिन अब तो पार्क में लोगों ने पार्किंग बना दी है। इसीलिए रोड पर बच्चे घूमते हैं।

पवन,छात्र

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बदहाल हाे गया पार्क

पहले पार्क ठीक था, तो हम सभी यहां पर खेलते थे, लेकिन करीब तीन वर्ष से पार्क हो गया है। अब तो पार्क में गंदगी इतनी है कि कोई टहलने भी नहीं आता है।

साहिल,छात्र

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श्यामा प्रसाद मुखर्जी पार्क में पोल जर्जर हालत में था, दो माह पहले एक पोल गिर गया था, लेकिन अभी तक हटाया तक नहीं गया है। इसीलिए कोई बच्चा वहां खेलने के लिए नहीं आता है, क्योंकि वहां पर खतरा है।

हंसिका, छात्रा

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नगर निगम और बीडीए के पार्क तो कॉलोनियों में हैं लेकिन ज्यादातर पार्क बदहाल हैं। पटेल नगर कॉलोनी में भी नगर निगम का पार्क बदहाल है, इसके लिए सभासद ने कोशिश की लेकिन सुधार नहीं हुआ।

सुनील खत्री, पेरेंट

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पार्को की बदहाली के नगर निगम और बीडीए ही जिम्मेदार है। पार्क ठीक हो तो बच्चे वहां खेल सकते हैं लेकिन जब पार्क ठीक नहीं हैं तो बच्चे मोबाइल घर में रखा देखते ही पकड़ लेते है।

अनिल आनंद, पेरेंट

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-पार्क में झांडि़यां इतनी हैं कि बच्चों को वहां भेजते हुए डर लगता है। पार्क में झूले तो हैं नहीं गंदगी की भरमार है। इसीलिए बच्चे टीवी देखकर टाइम काट लेते हैं।

लक्ष्मी, पेरेंट

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कॉलोनी के पार्को की हालत को सुधारा जाएगा। पार्क में किसी ने पार्किंग बनाई तो वह हटाई जाएगी, क्योंकि पार्क बच्चों के खेलने के लिए होते पार्किंग के लिए नहीं। पार्किंग करने वालों को रोका जाएगा।

सुरेन्द्र सिंह, बीडीए वीसी

Posted By: Inextlive