-डीजीपी के निर्देश पर आईजी रेंज ने 8 केस की स्टडी की

-ज्यादातर केसेस में वादी या पीडि़त का मुकर जाना सामने आया

BAREILLY: पॉक्सो (द प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्शुअल अफेंस ) में बंद आरोपी बाइज्जत बरी हो रहे हैं, जिन्हें नाबालिग से रेप, छेड़छाड़ और अश्लील हरकत करने के आरोप में सजा होनी चाहिए, वह बड़ी आसानी से बच जा रहे हैं। यह चौंकाने वाली रिपोर्ट चिंताजनक है। क्योंकि वारदात के वक्त जो पिता बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए थाना और कोर्ट-कचहरी दौड़ रहे थे, वह यह तो लगाए आरोपों से मुकर जा रहे हैं। या फिर समझौता कर ले रहे हैं।

जांच में हुआ खुलासा

सख्त कानून वाले एक्ट में बंद आरोपियों के छूट जाने को लेकर डीजीपी भी चौंके। उन्हें लगा कि कहीं पुलिस की लापरवाही तो इसका कारण नहीं है। डीजीपी ने प्रदेश में जांच के आदेश दिए। आदेश के अनुपालन आईजी रेंज डीके ठाकुर ने बरेली रेंज के सभी 4 जिलों से 2-2 केस कलेक्ट किए और उनकी स्टडी कर रहे हैं। अभी तक की स्टडी में आया है कि इन सभी केसेस में या तो वादी या फिर पीडि़त ही मुकर गए। पूरी स्टडी होने के बाद आईजी डीजीपी को रिपोर्ट भेज देंगे। सभी जगहों से रिपोर्ट आने के बाद इसको लेकर कोई गाइडलाइंस भी जारी हो सकती है।

एफआईआर से कोर्ट केआदेश तक की स्टडी

बरेली में छोटे बच्चों के साथ रेप और हत्या के कई मामले सामने आ चुके हैं। इसके अलावा नाबालिग लड़कियों के भागने और उनके साथ रेप के मामले भी सामने आते हैं। इन सभी में पॉक्सो एक्ट की भी धारा जोड़ी जाती है। बच्चों के केस में तो कम लेकिन नाबालिग के अपहरण और रेप के अधिकतर केसेस छूट जाते हैं। क्योंकि यह केस प्रेम प्रसंग के होते हैं। आईजी ने बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर और बदायूं के 8 केसेस की स्टडी की। इनमें पुलिस एफआईआर, विवेचना से लेकर कोर्ट के आदेश तक का रिकार्ड रखा गया। बरेली के दो केस जिसमें एक कैंट और एक बिथरी चैनपुर थाने का लिया गया। बरेली के इन दोनों केस में आरोपी छूट गए, क्योंकि वादी या पीडि़ता मुकर गए थे। पीलीभीत के एक केस में साक्ष्य संकलन की कमी सामने आयी है। अब पुलिस पॉक्सो के तहत दर्ज केस और कितने केस छूटे, इसका भी रिकार्ड देख रही है।

पॉक्सो के केसेस में आरोपी छूट जा रहे हैं। इनके पीछे की वजह क्या हैं, इसकी स्टडी की जा रही है। जल्द ही डीजीपी को रिपोर्ट भेज दी जाएगी।

डीके ठाकुर, आईजी रेंज

Posted By: Inextlive