तो पप्पू नहीं होगा फेल
ताकि न छोड़ें पढ़ाई
अक्सर देखा जाता है कि फेल होने वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं। कई बार इनकी संख्या फेल होने वाले स्टूडेंट्स के आधे से भी अधिक होती है। यह प्रवृत्ति साल दर साल बढ़ती जा रही है। रिटायर्ड प्रिंसिपल पीएन मिश्र के अनुसार मिडिल व प्राइमरी लेवल पर एक बार फेल होने वाले दोबारा बहुत कम ही पढऩे में इंट्रेस्ट लेते हैं। बच्चों को पढ़ाई से जोड़े रखने के लिए सरकार ने यह रास्ता निकाला है। डिपार्टमेंट का मानना है कि यदि वो पास होते रहेंगे तो अपनी पढ़ाई जारी रखेंगे.
एग्जाम के लिए फंड नहीं
बेसिक एजुकेशन पर सिटी में सालाना 50 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। लेकिन एग्जाम पर एक धेला भी खर्च नहीं हो रहा है। यूं कहें कि इसके लिए कोई फंड ही नहीं है। यहां तक कि स्टूडेंट्स के लिए पेपर और कॉपी का भी इंतजाम नहीं है। जानकारों के मुताबिक जब गवर्नमेंट एग्जाम को सीरियसली ले ही नहीं रही तो फिर कैसा एग्जाम। यही कारण है कि एग्जाम के लिए कोई फंड नहीं दिया जा रहा है। स्टूडेंट्स ब्लैक बोर्ड पर लिखे क्वेश्चंस से एग्जाम दे रहे हैं.
यह गवर्नमेंट का डिसीजन है। इसमें लोकल लेवल पर कोई रोल नहीं है। जैसा ऑर्डर मिला वैसा फॉलो किया जा रहा है। फिर भी यह स्टूडेंट्स के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा.
सूर्यभान, बीएसए
वाराणसी में 8वीं क्लास तक के स्टूडेंटस
एरिया क्लास 5वीं 8वीं
सिटी 2264 0375
रामनगर 0276 0154
पिंडरा 4865 2524
हरहुआ 3583 2259
चिरईगांव 5290 2627
आराजीलाइन 5595 2382
चोलापुर 4313 2841
सेवापुरी 3731 1665
विद्यापीठ 2751 1489
बड़ागांव 3983 1722
नोट : ऊपर दिए गए स्टूडेंट्स करेंट सेशन में रजिस्टर्ड हैं.
Report by: Raghvendra Mishra