31 अक्टूबर: इस साल इंदिरा नहीं, सरदार वल्लभभाई पटेल बनेंगे खास
दूरदर्शन ने की तैयारी
सार्वजनिक प्रसारणकर्ता दूरदर्शन ने इसके लिये कार्यक्रमों की सीरीज की योजना बनाई है, जिसमें पटेल के गुजरात स्थित पैतृक गांव करमसाद में आयोजित समारोह का कवरेज भी शामिल है. इसके लिये दूरदर्शन की एडिटोरियल टीम करमसाद भेज दी गई है. इसके अलावा लौह पुरुष कहे जाने वाले सरदार पटेल की जीवन पर आधे घंटे की एक डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई जायेगी.
अनदेखे पहलुओं से होंगे रूबरू
दूरदर्शन की महानिदेशक अर्चना दत्त ने बताया कि डॉक्यूमेंट्री में स्वतंत्रता संग्राम में पटेल के योगदान और आजादी के बाद उनके महती कार्यों पर रोशनी डाली जायेगी. इसके लिये फिल्म्स डिविजन के आर्काइव मे रखे दुर्लभ फुटेज को खंगाला गया है जबकि इतिहासकारों और शिक्षाविदों ने डॉक्यूमेंट्री की स्क्रिप्ट तैयार की है. स्क्रिप्ट में देश के इतिहास में पटेल के महत्व को रेखांकित किया गया है. डीडी ने प्रचार का एक वीडियो भी तैयार किया है जिसमें भारत के लिये पटेल की दूरदृष्टि की व्याख्या और राष्ट्रीय एकता दिवस के थीम को बताया गया है.
मोदी सरकार की अनूठी पहल
दरअसल भारतीय प्रतीकों की विरासत पर दावा ठोंकने का मोदी सरकार का यह ताजा प्रयास है. महीने की शुरूआत में मोदी ने महात्मा गांधी की जयंती पर स्वच्छ भारत अभियान लॉन्च किया था. जवाहरलाल नेहरू की जयंती 14 नवंबर को देशभर के स्कूलों तक इस अभियान का विस्तार किया जायेगा ताकि बच्चों में सफाई के प्रति जागरुकता पैदा की जा सके. 31 अक्टूबर के लिये डीडी की इस पहल का साथ कई अन्य जन माध्यम भी देंगे, जिन्हें प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया में विज्ञापन के तौर पर देखा जा सकेगा.