- सामान्य मरीजों के साथ भर्ती कर दिए जाते हैं टीबी के मरीज

-दर्द से कराहते रहे मरीज, बुलाने पर भी नहीं आए डॉक्टर

बरेली : जिला अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही के कारण मंडे को दर्द से कराहते दो मरीजों ने दम तोड़ दिया. अस्पताल में एडमिट मरीजों को नर्स के हवाले करके डॉक्टर गायब थे. इसी दौरान दो मरीजों की हालत बिगड़ गई, लेकिन डॉक्टर बुलाने के बाद भी नहीं आए. इसी दौरान वार्ड में एडमिट एक अन्य मरीज की हालत बिगड़ने पर उसके बेटे ने नर्स से गुहार लगाई तो पुलिस बुलाकर उसके रिश्तेदार को भी पकड़वा दिया गया.

क्या है मामला

शहर जोगी नवादा निवासी नदीम के पिता हसीन लंबे समय से सांस के रोग से ग्रसित थे, मंडे को जब उनकी हालत बिगड़ी तो शाम करीब 4 बजे नदीम उन्हें लेकर जिला अस्पताल पहुंचा. यहां इमरजेंसी में उनका चेकअप करने के बाद फाइल बना दी गई और नदीम से कहा कि आपके पेसेंट को टीबी होने की संभावना है अभी ऊपर बने वार्ड में एडमिट कर रहे हैं. ट्यूजडे सुबह टीबी वार्ड शिफ्ट कर देंगे. नदीम का आरोप है कि वार्ड में पिता के साथ वाले बेड पर ही कैंट के सर्किट हाऊस निवासी सत्यपाल और संजय नगर निवासी राजकुमार भी एडमिट थे. वह दोनों दर्द से कराह रहे थे. इतने में राजकुमार अपने बेड से उठे और टॉयलेट की तरफ गए. काफी देर तक जब वह नही लौटे नदीम ने देखा कि वह टॉयलेट में गिरे पड़े हैं. ड्यूटी पर मौजूद नर्स को सूचित किया तो उन्होने बताया कि उनकी मौत हो गई है. इसके बाद नदीम वार्ड में आया तो देखा सत्यपाल की भी मौत हो चुकी है. दोनों की मौत से आहत नदीम ने जब नर्स से पिता हसीन का चेकअप करने के लिए कहा. आरोप है कि इस पर नर्स ने नदीम के साथ अभद्र भाषा में बात की. जिसके बाद नदीम ने नर्स की वीडियो बनाकर सीएमएस से शिकायत करने की बात कही तो नर्स ने सुपरवाइजर को फोन कर पुलिस को बुला लिया. नदीम पुलिस को कुछ बता पाता तब तक पुलिस उसके साथ आए रिश्तेदार वसीम को थाने ले गई.

तो टीबी वार्ड में क्यों नही किया भर्ती

मरीज की जांच में टीवी पुष्ट होने के बाद उन्हें टीबी वार्ड में भर्ती करने का नियम है जिससे सामान्य मरीजों को किसी भी प्रकार असुविधा न हो लेकिन सामान्य मरीजों के साथ ही उन्हें एडमिट किया जा रहा है. जिससे दूसरे मरीजों को भी टीबी के संक्रमण का खतरा रहता है.

लापरवाही के चलते गई दोनों की जान

नदीम ने राजकुमार और सत्यपाल को दर्द से कराहते देखा तो नर्स से डॉक्टर को बुलाने के लिए कहा. इस पर नर्स ने कई बार ड्यूटी पर तैनात किए गए डा. एमएल शर्मा को कॉल की लेकिन उन्होंने आने की जहमत नहीं उठाई और कुछ ही देर बाद दोनों मरीजों की मौत हो गई.

रिपोर्ट में हुई थी टीवी की पुष्टि

मंडे सुबह करीब 10 बजे राजकुमार को इमरजेंसी में भर्ती किया गया था, उनके तीमारदार ने पहले जो रिपोर्ट ईएमओ को सौंपी थी उसमें टीवी की पुष्टि थी इसके बाद भी राजकुमार को सामान्य मरीजों के साथ ही भर्ती कर दिया गया. वहीं सत्यपाल को भी चेस्ट की समस्या थी.

वर्जन :::

मामला मेरे संज्ञान में नहीं है. अगर ऐसा है तो ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर और अन्य स्टाफ से पूछताछ कर कठोर कार्रवाई की जाएगी.

डॉ. केएस गुप्ता, एडीएसआईसी.

Posted By: Radhika Lala