- बदायूं के महिला अस्पताल से रेफर जिला अस्पताल रेफर की गई थीं दोनों महिलाएं

- महिला अस्पताल की सीएमएस ने एडी हेल्थ को सौंपी रिपोर्ट, रेफर पर जताई नाराजगी

बरेली : सरकारी अस्पतालों में मरीजों की जान से खिलवाड़ करने से जिम्मेदार बाज नहीं आ रहे हैं। अब बदायूं के जिला महिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है। गंभीर हालत में दो महिलाओं को इलाज करने की बजाए तीमारदारों के हाथ में ब्लड का पाउच थमाकर बरेली के महिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन जब तक परिजन उन्हें लेकर बरेली पहुंचे तक तक दोनों की मौत हो चुकी थी। फिलहाल महिला अस्पताल की सीएमएस ने मामले की रिपोर्ट एडी हेल्थ को सौंप दी है।

क्या है पूरा मामला

बदायूं जिले के कादरचौक के मोहल्ला दुर्गानगर निवासी विजय ने बताया कि उसकी पत्नी माया देवी की हाल ही में डिलीवरी हुई थी। जिसके बाद ब्लीडिंग नहीं रुक रही थी। 24 जून को उसने पत्‍‌नी को बदायूं के जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया तो डॉक्टर ने ब्लड का इंतजाम करने को कहा। सैटरडे सुबह किसी तरह ब्लड का इंतजाम किया, लेकिन तब तक माया देवी की हालत ज्यादा बिगड़ गई। इस पर डॉक्टर ने उसे ब्लड चढ़ाने की बजाए बरेली के महिला अस्पताल रेफर कर दिया और ब्लड का पाउच परिजनों के हाथ में थमा दिया। परिजन सैटरडे सुबह करीब नौ बजे माया को एंबुलेंस से लेकर महिला अस्पताल पहुंचे, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।

इसी प्रकार बदायूं के ही थाना मूसाझाग के सैजनी गांव निवासी दिनेश ने फ्राइडे को पत्नी पिंकी को प्रसव पीड़ा होने पर बदायूं के ही जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया था। जांच में उसके शरीर में खून की कमी पाई गई तो ब्लड उपलब्ध कराया गया। लेकिन इलाज करने की बजाए उसे साथ में ब्लड देकर बरेली रेफर कर दिया गया। जब तक वह बरेली जिला महिला अस्पताल पहुंचे तब तक पिंकी की मौत हो चुकी थी।

तो बच सकती थी जान

बरेली महिला अस्पताल की डॉक्टर का कहना है कि अगर दोनों महिला मरीजों को ब्लड चढ़ाने के बाद बदायूं से रेफर किया जाता तो उनकी जान बच सकती थी।

वर्जन

बदायूं से दो मरीजों को यहां रेफर किया गया। दोनों की ही रास्ते में मौत हो गई थी। दोनों के साथ ब्लड के पाउच भेज दिए गए। एक का पति हाथ में ब्लड का पाउच पकड़ कर यहां पहुंचा। फिलहाल मामले की रिपोर्ट एडी हेल्थ को दे दी है।

डॉ। अलका शर्मा, सीएमएस, महिला अस्पताल।

बदायूं में महिला अस्पताल पूरी सुविधाओं से लैस है। अगर मरीज सीरियस था तो उसे बरेली की बजाए लखनऊ भेजा जा सकता था। यह गंभीर है कि ब्लड चढ़ाने के बजाए हाथ मे पकड़ा दिया गया। मामले में उच्चाधिकारियों से बात कर कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। प्रमिला गौड़, एडी हेल्थ

Posted By: Inextlive