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PATNA: सिस्टम के आगे कैसे लोग लाचार और बेबस होते हैं, मौत कैसे सिस्टम को हराकर जीत जाती है. अगर ये देखना है तो पटना सिटी के एनएमसीएच अस्पताल में देख सकते हैं. दरअसल, एनएमसीएच की इमरजेंसी में सर्जरी विभाग में ऑटो दुर्घटना के शिकार फतुहा के कोलहर निवासी रविन्द्र प्रसाद के पुत्र 25

वर्षीय शंभु प्रसाद का इलाज चल रहा था. शंभु की बुधवार रात हालत बिगड़ने लगी. डॉक्टर ने परिजनों का दवा लाने के लिए कहा. परिजन पहले भागकर इमरजेंसी के मेडिकल स्टोर गए. वहां पर दवा नहीं थी. इसके बाद दूसरे मेडिकल स्टोर पर गए. वहां पर पता चला कि मेडिकल स्टोर सील है. इसके बाद परिजन तीसरे मेडिकल स्टोर पर गए. वो बंद मिला. इधर, मरीज तड़प रहा था.

दुकान में सोते रहे कर्मचारी

परिजन अस्पताल के बाहर भागकर गए और पटना सिटी के एक-एक

मेडिकल स्टोर का दरवाजा खटखटाते रहे. कहीं भी दरवाजा नहीं खुला और परिजनों को दवाई नहीं मिली. थक हार कर परिजन वापस अस्पताल आए और यहां पर मेडिसीन विभाग के समीप

जेनेरिक दवा दुकान को खुलवाने का पूरा प्रयास किया लेकिन कर्मचारी अंदर सो रहे थे. उन्होंने दरवाजा नहीं खोला. सिस्टम सोती रही और मरीज दवा के अभाव में तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया.

किस्मत और व्यवस्था को कोसते रहे परिजन

मरीज की मौत होने के बाद परिजन काफी आक्रोशित हो गए. उन लोगों ने जमकर हंगामा किया. घटना के बाद अस्पताल में अफरातफरी का माहौल हो गया. पुलिस भी अस्पताल पहुंच गई. पुलिस ने किसी तरह से समझाया और मामला शांत कराया. बाद में बॉडी को पीएम के लिए भेजा गया. थक-हार कर किस्मत और व्यवस्था को कोसते हुए परिजन शव लेकर चले गए.

स्टेट ड्रग कंट्रोलर जिम्मेदार

एनएमसीएच अधीक्षक डॉ. चंद्रशेखर ने कहा कि जेनेरिक दवा दुकानदार ने असुरक्षा को कारण बता रात में दुकान नहीं खोलने की बात कही है. इसकी सूचना आलमगंज थाना को दी गयी है. निजी आ‌र्म्स गार्ड की तैनाती कर दी गयी है. स्टेट ड्रग कंट्रोलर से कार्रवाई करने के लिए कई बार कहा गया है. वह किसी परिजन, कर्मी, अधीक्षक द्वारा लिखित में शिकायत की मांग कर रहे हैं. जांच की जाए तो पूरा मामला सामने आ सकता है.

डर से नहीं खोलते रात में दुकान

पटना साहिब ड्रग एसोसिएशन के अध्यक्ष शशिकांत गुप्ता ने कहा कि एनएमसीएच के समीप दवा की दर्जनों दुकान है. सुरक्षा कारणों से वह रात में बंद रखते हैं. पहले दिनदहाड़े मेडिकल स्टोर में डकैती हो चुकी है. इस कारण रात में बंद रहता है. ¨वडो खोलकर जरूरतमंद मरीजों के लिए दवा रात में देते हैं. प्रशासन यदि हमें रात में सुरक्षा का भरोसा दे तो जनहित में रातभर दवा दुकान खोलने के लिए सभी दुकानदार तैयार हैं.

डकैती से डरे हैं दुकानदार

दवा व्यवसायियों का कहना है कि पिछले 10 साल में दो मेडिकल स्टोर पॉपुलर स्टोर और सहकारिता औषधि भंडार में डकैती हो चुकी है. इस कारण व्यापारी डरे रहते हैं. शाम के बाद अंधेरा हो जाता है. पहले पुलिस यहां गश्ती करती थी. अब पुलिस की गश्ती बंद हो गई है. इस कारण व्यापारी डरे रहते हैं.

डॉक्टरों ने भी उठाया सवाल

एनएमसीएच में हुई इस बेहद ¨चताजनक घटना से डॉक्टर समाज आहत है. उन्होंने भी व्यवस्था पर सवाल उठाया है. बिहार जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के संयोजक और एनएमसीएच अध्यक्ष डॉ. रवि रंजन कुमार रमण समेत अन्य चिकित्सकों ने अधीक्षक को पत्र लिख कर रात में बंद रहने वाली जेनेरिक दवा दुकान और सीलबंद औषधि दुकान का लाइसेंस रद कराने और इसकी जगह 24 घंटे और सातो दिन खुली रहने वाली दवा दुकान खुलवाने की मांग की है. डॉ. रवि ने कहा कि इमरजेंसी और अस्पताल परिसर में दवा की स्थायी व्यवस्था जब तक नहीं होगी तब तक वह रात में ड्यूटी नहीं करने को लेकर विचार कर रहे हैं.

Posted By: Manish Kumar