-हैलट में इलाज के अभाव में 4 साल की मासूम की मौत, शव कंधे पर लादे हुए घंटों भटकते रहे परिजन

-परिजनों का आरोप भर्ती कराने से मरने तक कोई डॉक्टर देखने नहीं आया, मरने लगी तो लगाई ऑक्सीजन

-शव घर तक ले जाने के लिए मांगी मदद लेकिन नहीं हुई कोई सुनवाई, हॉस्पिटल के पास एक भी वाहन नहीं

KANPUR: डॉक्टर्स की लापरवाही और पेशेंट्स को असुविधाओं के कारण चर्चा में रहने वाले शहर के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल हैलट में शनिवार को फिर शर्मसार करने वाले का एक वाकया सामने आया। 4 साल की बच्ची की मौत के बाद उसके परिजन शव कंधे में टांगकर घंटों अस्पताल परिसर में टहलते रहे। परिजनों ने बच्ची के इलाज में लापरवाही का भी आरोप लगाया। उनका कहना था कि भर्ती कराने के बाद से मरने तक कोई डॉक्टर देखने नहीं आया। उसे ऑक्सीजन भी तब दी गई जब वह मरने वाली थी। इंसानियत सिर्फ इतने में ही नहीं मरी। बच्ची की जान गई तो बेशर्मी का एक और खेल शुरू हुआ। परिजन बच्ची के शव को कंधे पर टांग कर घंटो टहलते रहे। शव घर तक ले जाने के लिए मदद मांगी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

सिर में चोट का इलाज कराने पहुंची थी

उन्नाव कचहरी के पास रहने वाले तानू की 4 साल की बेटी सेजल ईट लगने से घायल हो गई थी। उसे शुक्रवार को हैलट इमरजेंसी लाया गया। यहां डॉ। मनीष सिंह की यूनिट में उसे भर्ती किया गया। रात को ही उसकी सीटी स्कैन जांच हुई। जिसके बाद इमरजेंसी से उसे वार्ड-4 के बेड नंबर-29 पर भेज दिया गया। मामा शीलू के मुताबिक, वार्ड में सेजल रात भर तड़पती रही, लेकिन उसे देखने कोई नहीं पहुंचा। सुबह 8 बजे के करीब हालत ज्यादा बिगड़ गई तब उसे ऑक्सीजन लगा कर एनओटी वार्ड ले गए, लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई।

न कफन मिला न स्ट्रेचर

सेजल की मौत के बाद उसके शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। न तो उसे कफन नसीब हुआ और न शव बाहर ले जाने के लिए स्ट्रेचर। घंटों वह ओपीडी के बाहर पार्क में बैठे रहे। इमरजेंसी में भी एंबुलेंस या शव वाहन भेजने की गुहार लगाते रहे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

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शव वाहन ही नहीं

हैलट अस्पताल में क्रिटिकल पेशेंट्स आते हैं इनमें से कई की मौत भी हो जाती है,लेकिन अस्पताल में शवों को घर तक छोड़ने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। धार्मिक संस्थाओं के शव वाहन मंगाने के लिए रैन बसेरा के पास एक बोर्ड तो लगा है,लेकिन आरोप है कि ये शव वाहन हैलट नहीं आते।

सीएमओ ने कहा था इंतजाम करें

हैलट में मौत के बाद मरीज का शव ले जाने की व्यवस्था के लिए सीएमओ ने पत्र लिखा था। जिसमें शव वाहन की व्यवस्था की बात कही गई थी। इमरजेंसी प्रभारी डॉ। एसके सिंह ने बताया कि हैलट अस्पताल में शव वाहन की व्यवस्था करने के लिए प्रिंसिपल को पत्र लिखा है।

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वर्जन-

हैलट अस्पताल में शव वाहन की व्यवस्था नहीं है। कुछ संस्थाओं के शव वाहनों से संपर्क के लिए इमरजेंसी के बाहर बोर्ड लगवाया है। प्रिंसिपल को भी शव भिजवाने के लिए वाहन की व्यवस्था को लेकर पत्र लिखा है।

-डॉ.एसके सिंह, इमरजेंसी प्रभारी

अस्पताल में मरीजों के शव भिजवाने को लेकर शासन से दिशा-निर्देश मिले हैं। अभी शव भिजवाने के लिए सीएमओ से शव वाहनों की एक लिस्ट भेजी गई है। अस्पताल के स्तर पर भी एक शव वाहन मिले इसके प्रयास किए जा रहे हैं।

- डॉ.एनसी त्रिपाठी, सीएमएस, एलएलआर हॉस्पिटल

Posted By: Inextlive