-कूड़े के ढेर में पड़े मिले ओआरएस के अधजले पैकेट

-जबकि शॉर्टेज बताकर मरीजों को नहीं दे रहे ओआरएस

BAREILLY :

बुखार से हो रही मौतों पर पर्दा डालने के खेल के बाद डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल ने एक और नया कारनामा कर दिया। हॉस्पिटल में एक तरफ ओआरएस की शॉर्टेज का शोर है, तो दूसरी ओर ओआरएस के पैकेट्स को फूंका जा रहा है, जिनकी एक्सपायरी डेट अभी दिसम्बर हैं। ऐसे में, डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की कार्य प्रणाली को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया। अफसरों की यह नाकामी अंधेर नगरी चौपट राजा की कहावत को भी चरितार्थ कर रही है।

कूड़े में फेंक लगा दी आग

इमरजेंसी वार्ड के पास बने बायोमेडिकल वेस्ट रूम के पीछे ओआरएस के सैकड़ों पैकेट कूडे़ में फेंके गए थे, जिनमें आग लगा दी गई थी। लेकिन बारिश के चलते आग बुझ गई। जिससे ओआरएस के पैकेट पूरी तरह से जल नहीं पाए। यह पैकेट सैटरडे रात को फेंके गए थे। इसमें दो पैकेट ऐसे भी मिले, जिनकी सील भी नहीं खुली थी। ओआरएस के अधजले पैकेट्स पर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की निगाह पड़ी, तो चेक किया गया। सभी पैकेट पर वर्ष 2018 दिसम्बर की एक्सपायरी डेट लिखी हुई थी।

ओआरएस की बढ़ी डिमांड

संक्रामक बीमारी का प्रकोप होने के चलते ओआरएस घोल की डिमांड भी बढ़ी है। डायरिया से लेकर बुखार के पेशेंट्स को डॉक्टर ओआरएस का पैकेट लिख रहे हैं। मरीज दवा काउंटर पर जा रहे हैं, तो उन्हें बताया जा रहा है कि ओआरएस की शॉर्टेज है। इसलिए चार की बजाय एक पैकेट ही मिल पाएगा। कूड़े में जलाए जा रहे ओआरएस के पैकेट्स और शॉर्टेज की कहानी साफ बयां कर रही है कि यह दवा की कंपनियों के ओआरएस घोल बिकवाने की बड़ी साजिश है।

खुले में जलाया रहा बायोमेिडकल वेस्ट

हॉस्पिटल की इमरजेंसी वार्ड बिल्डिंग के पास बायोमेडिकल वेस्ट डालने के लिए एक रूम बना हुआ है। जिसमें बायोमेडिकल वेस्ट डाला जाता है और उसे गाडी ले भी जाती है। लेकिन हॉस्पिटल के कर्मचारी ही हॉस्पिटल के बायोमेडिकल वेस्ट को रूम में न डालकर रूम के पीछे डालकर उसमें आग लगा रहे हैं। जिस बायोमेडिकल वेस्ट में आग लगाई जा रही है उसमें सिरिंज, ब्लड सैंपल और गाज पड़ी हुई है।

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Posted By: Inextlive