- रजिस्ट्रेशन कार्ड बनवाने के लिए मरीजों की लगी रही लंबी कतार

- घंटों इंतजार के बाद भी नहीं मिल सका इलाज

GORAKHPUR: एम्स का सर्वर डाउन होने से पांच हजार पशेंट्स को घंटों लाइन में खड़े रहने के बाद भी बिना डॉक्टर को दिखाए लौटना पड़ा. पूरे दिन में एक भी नया रजिस्ट्रेशन नहीं कराया जा सका. इसकी वैकल्पिक व्यवस्था न होने से मजबूरन उन्हें शहर के अन्य अस्पतालों में जाना पड़ा.

लगी रही लाइन, नहीं हुए रजिस्ट्रेशन

गोरखपुर एम्स में शुक्रवार को ओपीडी काउंटर पर सुबह आठ बजे से मरीजों की लाइन लग गई लेकिन काफी देर इंतजार के बाद लोगों को बताया गया कि सर्वर डाउन है जिसके चलते रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाएगा. देवरिया के रहने वाले एक मरीज ने बताया कि सर्वर डाउन होने से किसी का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ. इस संबंध में जब एम्स के स्टाफ से बात की गई तो उनका कहना था कि सर्वर ठीक होने के बाद ही कुछ हो सकता है. भीषण गर्मी में रजिस्ट्रेशन का इंतजार कर रहे मरीज 11 बजे तक लाइन में खड़े रहे. 11 बजे तक इंतजार करने के बाद रजिस्ट्रेशन काउंटर बंद करने की सूचना दी दे दी गई. उधर जो पुराने पेशेंट्स इलाज के लिए आए थे उन्हें ही डॉक्टर्स ने देखा.

हलकान होते रहे मरीज

कुशीनगर की रहने वाली ज्योति ने बताया कि वह एक दिन पहले ही एम्स में दो रिश्तेदारों को दिखाने के लिए आईं. इसके लिए सुबह निर्धारित समय से पहले लाइन में लग गईं लेकिन उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ. गोरखपुर के रहने वाले विनोद ने बताया कि वह अपने माता-पिता को दिखाने यहां आए थे लेकिन घंटों खड़े रहने के बाद भी उन्हें बिना डॉक्टर को दिखाए लौटना पड़ा. डॉक्टर्स ने पुराने मरीज या जिन के पहले रजिस्ट्रेशन कार्ड बन चुके हैं उन्हीं को देखा.

फोन से हुए कुछ रजिस्ट्रेशन

एम्स में रजिस्ट्रेशन में देरी मरीजों के लिए परेशानी का सबब बन गई. एम्स प्रशासन ने इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनाते हुए फोन से ही कुछ लोगों का रजिस्ट्रेशन करवाया. हालांकि इसे लेकर एम्स का आईटी डिपार्टमेंट जद्दोजहद करता रहा.

बॉक्स

ओपीडी में बैठने तक की व्यवस्था नहीं

एम्स की ओपीडी में काफी लोग जमीन पर बैठे रहे. इतना ही नहीं बैठने की व्यवस्था ना होने से रजिस्ट्रेशन कार्ड के लिए कतार में लगीं कुछ महिलाएं थक कर फर्श पर ही बैठ गईं. आलम यह है कि ओपीडी में मरीजों के बैठने तक की मुकम्मल व्यवस्था नहीं है. वहीं, यहां पेयजल की मुकम्मल व्यवस्था भी नहीं दिखी. मेन गेट पर सुबह से ही मरीजों का तांता लग जाता है लेकिन गेट के आसपास पेयजल की व्यवस्था नहीं है. ओपीडी के अंदर भी पीने के पानी के लिए केवल एक टंकी ही लगाई गई है.

कोट्स

सुबह सात बजे से ही रजिस्ट्रेशन के लिए लाइन में लगे रहे. कुछ देर बाद पता चला कि सर्वर डाउन है इसलिए रजिस्ट्रेशन में देरी हो सकती है. घंटों लाइन में लगने के बाद भी रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ. यहां पर पीने के पानी का भी इंतजाम नहीं है.

बलराम सिंह, खजनी

भाई भाष्कर सिंह काफी दिनों से बीमार चल रहे हैं. कुछ लोगों ने सलाह दी कि एम्स में डॉक्टर से दिखाएं. सुबह ही रजिस्ट्रेशन के लिए पहुंचे लेकिन रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका. यहां मरीजों के बैठने तक ही व्यवस्था नहीं है.

कृष्ण मोहन सिंह, कुशीनगर

मेरे एक रिश्तेदार के सिर में काफी तेज दर्द हो रहा था. उन्हें इलाज के लिए एम्स की ओपीडी में लेकर आए. डॉक्टर से दिखाने के बाद बाहर निकले. उन्हें प्यास बहुत तेज लगी थी. पानी के लिए इधर-उधर भटकते रहे लेकिन कहीं भी व्यवस्था नहीं मिली. एक जगह पेयजल की व्यवस्था थी मगर वहां पर काफी भीड़ दिखी.

इशरार हुसैन, सिघडि़यां

सुबह से ही सर्वर डाउन रहा. काफी देर बाद फोन पर ही रजिस्ट्रेशन करवाया गया. रजिस्ट्रेशन न होने की वजह से ज्यादातर मरीज बैरंग ही लौट गए.

मंजीत गर्ग, नीना थापा

Posted By: Syed Saim Rauf