-आईआईटी पटना के इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट ने बनाया सोलर ट्री

PATNA: आईआईटी पटना के इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट ने एक ऐसा सोलर ट्री तैयार किया है जो दस दिन तक बिना धूप के भी पॉवर देता रहेगा। यह सोलर ट्री पूरी तरह से ऑटोमेटेड होगा और रिमोट से इसका संचालन होगा। यही वजह है कि यह देश भर के किसी भी सोलर ट्री से एडवांस है और इसे तैयार करने वाली टीम ने इसका आठ माह का परीक्षण भी पूरा कर लिया है। इसके साथ ही इस बात की पुष्टि हो गई है कि लगातार दस दिनों तक यह पावर दे सकता है और इसके पैनल की दिशा बदलने की जरूरत नहीं होगी। जानकारी के अनुसार गांवों में निर्बाध बिजली की सुविधा देने के मकसद से इसे स्मार्ट तरीके से तैयार किया गया है।

200 मीटर दूर से भी कंट्रोलिंग

सोलर पैनल तैयार करने वाली आईआईटी पटना के इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट के हेड और सोलर ट्री प्रोजेक्ट का नेतृत्व कर रहे डॉ आरके बेहरा ने बताया कि आठ माह के परीक्षण में कई बातें स्पष्ट हो गई है। जैसे इसे चौबीसों घंटे और बिना धूप के दस दिनों तक इसका यूज किया जा सकता है। यह जहां लगा होगा वहां से करीब 200 मीटर तक के रेंज से इसे रिमोट कंट्रोल से चलाया जा सकता है।

धनरूआ में होगा इंस्टाल

अब यह प्रोजेक्ट पूरा कर लिया गया है। फिलहाल इसे पटना जिला के धनरूआ प्रखंड के रसलपुर पंचायत में इसे इसे लगाया जा रहा है। बताया गया कि यहां इस सोलर ट्री की मांग की गई थी, जिसे गांव में नि: शुल्क वितरण किया जा रहा है। प्रति सोलर ट्री की लागत 50 से 60 हजार रुपये आयी है। इस सोलर ट्री में ऐसा एडवांस डिवाइस लगा है जिससे यह पता चल सकता है कि उसके किस हिस्से में गड़बड़ी है। पूरी सिस्टम रिमोट कंट्रोलिंग के साथ बनाया गया है। हालांकि मॉनिटर वायरलेस होगा। सोलर ट्री का फंक्सनिंग वायरलेस कम्यूनिकेशन पर आधारित है। एडवांस डिवाइस इस कम्यूनिकेशन के माध्यम से डिटेक्ट कर पाएगा, जहां भी गड़बड़ी हो।

स्ट्रीट लाइट में भी इनिशिएटिव

आईआईटी पटना की टीम सोलर ट्री प्रोजेक्ट को एक कदम आगे ले जाते हुए इसी कांसेप्ट पर स्ट्रीट लाइट के तौर पर भी इसे विकसित करने पर काम शुरू कर रही है। डॉ आर के बेहरा ने बताया कि चूंकि यह देश भर में बने किसी भी सोलर ट्री से एडवांस और अलग फीचर वाला है, इसलिए इसे पेटेंट करने की तैयारी चल रही है।

200 वाट की होगी क्षमता

12 वाट का एक बल्ब और 20 वाट का डीसी फैन चलाना हो तो ऐसे दस घरों को बिजली देने में यह सक्षम है। जहां पर इलेक्ट्रिकल ग्रिड नहीं है वहां पर यह प्रयोग में लाने के लिए सबसे उपयुक्त होगा। यह सोलर ट्री इस तरीके से बनाया गया है कि यह 200 किलोमीटर के विंड स्पीड में भी कायम रहेगा, उडे़गा नहीं। स्ट्रक्चर खराब नहीं होगा। इसके साथ ही यह इसमें क्षमता के ऑप्टमाइजेशन पर काम किया गया है।

लंबी अवधि के लिए ऊर्जा जरूरत और वायरलेस कम्यूनिकेशन के साथ यह प्रोजेक्ट देशभर में खास है।

-डॉ आरके बेहरा, एचओडी इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट, आईआईटी पटना

Posted By: Inextlive