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PATNA : प्रदूषण की वजह से पटना 'हीट आइलैंड' में तब्दील हो गया है. ऐसा कई बार हम आप अनुभव करते होंगे कि पटना तो वाकई बहुत गर्म है. लेकिन इसके पीछे स्थानीय मौसम जिम्मेवार नहीं होता है बल्कि प्रदूषण और सघन बिल्डिंग से निकलने वाली गर्मी ही वजह है. यह बात हाल ही में सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार के रिसर्च में सामने आयी है. इसमें बताया गया है कि जिन बडे़ शहरों में सघन आबादी है और हरियाली कम है. इसके कारण उसके मेन टाउन में अपेक्षाकृत ज्यादा गर्मी रिकार्ड किया जाता है अपेक्षाकृत पास के सब सिटी या उपनगरीय क्षेत्र में.

4 जिलों में हुई थी स्टडी

सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार के सेंटर फार इनवायरमेंटल साइंस के द्वारा किये गए अर्बन हीट आइलैंड स्टडी में पटना समेत गया, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया और भागलपुर में यह स्टडी की गई. इसमें पटना की बात करें तो इस बारे में यह बाद स्पष्ट रूप से सामने आयी कि यह अर्बन हीट आइलैंड की परिभाषा में बिल्कुल सटीक बैठता है. मेन टाउन में बहुत गर्मी जबकि पास के ही उप नगरीय क्षेत्र में उसी वक्त अपेक्षाकृत कम गर्मी का अनुभव किया जाता है. स्टडी में निकले निष्कर्ष के आधार पर यह बताया गया है कि अर्बन हीट आइलैंड का असर ठंड के मौसम में व्यापक रूप से दिखता है.

15 वर्षो का लिया डाटा

इस बारे में सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार के एसोसिएट प्रोफेसर प्रधान पार्थसारथी ने बताया कि हमलोगों ने नासा सेटेलाइट के माध्यम से 15 वर्षो (2001 से 2015) का तापमान से संबंधित डाटा का स्टडी किया. इसका मकसद यह जानना था कि क्या पटना समेत अन्य चुने गए जिलों में अर्बन हीट आइलैंड का असर है या नहीं. इसमें पटना सबसे अधिक सटीक रहा.

मेन टाउन होता है गर्म

पार्थसारथी ने बताया कि मेन टाउन में ढेर सारी बड़ी बिल्डिंग होती है. ग्रीनरी कम होती है. बिल्डिंग में मेटल, सीसे का प्रयोग और एसी का भी प्रयोग जमकर होता है. ओपेन स्पेश भी कम होते हैं. इस कारण मेन टाउन गर्म होता है.

Posted By: Manish Kumar