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PATNA : पटना नगर निगम के पास पूरी राजधानी की एक-एक इंच जमीन का हिसाब रखने की जिम्मेदारी है. उसके पास यह जानकारी होनी चाहिए कि किस एरिया कितने घर हैं. पटना में कितने मोहल्ले और कॉलोनियां हैं. लेकिन हैरत की बात है कि नगर निगम के इसकी पूरी जानकारी नहीं है कि उसके अधिकार क्षेत्र में कितनी कॉलोनियां बनी हैं. कॉलोनी, मकान आदि का रिकॉर्ड नहीं होने से निगम को होल्डिंग टैक्स नहीं मिल पा रहा है. स्थिति यह है कि मकान मालिकों के पास करोड़ों रुपए का होल्डिंग टैक्स पिछले कई वर्षो से बकाया है.

कॉलोनियों को मिल रही सुविधाएं

अनधिकृत कॉलोनियों में लोग मनमर्जी से घर बनवा रहे हैं. इन्हें बिजली, पानी, सड़क (कच्ची या पक्की), नाली जैसी मूलभूत सुविधाएं मिल रही हैं. लेकिन इन कॉलोनियों के लोग निगम को होल्डिंग टैक्स नहीं दे रहे हैं. जिससे निगम को हर साल लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है.

वर्ष 2015 से रिकॉर्ड नहीं

पटना के अधिकांश इलाकों में अंधाधुंध मकान बनाए जा रहे हैं. बड़ी-बड़ी कॉलोनियां डेवलप की जा रही हैं. सभी जगह मूलभूत सुविधाएं भी लोगों को मिल रही हैं. लेकिन नगर निगम का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी इन इलाकों में नहीं जाता है. नतीजन नगर निगम के पास नई कॉलोनियों के किसी भी मकान का रिकॉर्ड नहीं है.

नहीं हो रहा सर्वे

निगम की ओर से समय-समय पर मकानों का सर्वे कराया जाता है. जिससे यह पता चलता है कि शहर में कितने मकान हैं. इससे होल्डिंग टैक्स का भी आकलन किया जाता है.

यहां खूब बन रहे मकान

गोला रोड

बेली रोड

बेउर

बाईपास

राजीव नगर

दीघा

रामकृष्ण नगर

Posted By: Manish Kumar