इमरजेंसी की 43वीं बरसी पर विश्वेसरैया ऑडीटोरियम में आयोजित लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान समारोह हुआ।

किताबों में शामिल किया जाएगा
lucknow@inext.co.in
Lucknow: देश की प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा गांधी द्वारा सत्तर के दशक में देश में लागू की गई इमरजेंसी के काले अध्याय को अब छात्रों की किताबों में शामिल किया जाएगा। यह घोषणा केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को की। वे इमरजेंसी की 43वीं बरसी पर विश्वेसरैया ऑडीटोरियम में आयोजित लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान समारोह में शिरकत कर रहे थे। उन्होंने इन सेनानियों को भरोसा दिलाया कि उन्हें सुविधाएं दिलाने के लिये वे पीएम नरेंद्र मोदी से बात करेंगे।
इतिहास में कलंक का धब्बा
मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि 25 जून 1975 को इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी की घोषणा महज इसलिए कर दी थी क्योंकि उन्हें खतरा था कि उनकी कुर्सी जाने वाली है। इमरजेंसी के दौर को याद करते हुए नकवी ने कहा कि उस वक्त लोकतंत्र का पूरी तरह से गला घोंट दिया गया था। सरकार के खिलाफ बोलने वालों को जेलों में ठूंस दिया गया था। कहा, यह हमारे लोकतांत्रिक इतिहास का काला धब्बा है। उन्होंने कहा कि उस दौर में देश की जनता पर जितने जुल्म हुए, उसे भावी पीढिय़ां न जान सकें, इसलिए उस दौर को इतिहास से ही गायब करने की कोशिश की गई।
 
टंडन ने साझा किये अपने अनुभव
प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री और लखनऊ के पूर्व सांसद लालजी टंडन ने इमरजेंसी के दौर को याद करते हुए बताया कि जिस दिन इमरजेंसी लगाई गई, उसके अगले दिन किसी भी अखबार में इसका जिक्र तक नहीं था। रेडियो में इस बारे में कोई समाचार प्रसारित नहीं किया गया। हर तरफ अजीब खामोशी थी। माजरा समझने के लिये लालबाग स्थित न्यूज एजेंसी के दफ्तर पहुंचे तो वहां भी सभी टेलीप्रिंटर शांत पड़े थे। उन्होंने कहा कि समझ नहीं आ रहा था कि देश में हो क्या रहा है। लेकिन, इसी के अगले दिन पुलिस ने उन्हें अरेस्ट कर लिया और जेल भेज दिया गया। टंडन ने कहा कि देश में इमरजेंसी लगाकर लोकतंत्र का गला घोंट दिया गया था। जिसकी जितनी निंदा की जाए कम है।

सवेरे वाली गाड़ी से चले जाएंगे

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि लोक कल्याण के वास्तविक मुद्दों को मोदी युग में अवसर दिया गया है। इमरजेंसी के दिनों को याद करते हुए डॉ। पांडेय ने कहा कि इंदिरा गांधी ने इंटेलीजेंस की रिपोर्ट पर इमरजेंसी खत्म कर चुनाव करवाया। विपक्ष के नेता जेलों में थे, बावजूद इसके प्रदेश की सभी 85 सीटों पर कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया। उन्होंने कहा कि जो रेडियो दिन भर इंदिरा गांधी का गुणगान करता था उसने चुनावी नतीजों के बाद गाना बजाया 'सवेरे वाली गाड़ी से चले जाएंगे। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक, आशुतोष टंडन, स्वाति सिंह, बलदेव सिंह ओलख, सांसद अशोक वाजपेयी और महानगर अध्यक्ष मुकेश शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किये।     

लोकतंत्र सेनानियों की सम्मान राशि में बढ़ोत्तरी

इमरजेंसी की 43वीं बरसी पर उन्हें मिलने वाली सम्मान राशि को प्रदेश सरकार ने बढ़ाने का फैसला किया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के लोकतंत्र सेनानियों की सम्मान राशि को 15 हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 20 हजार रुपये करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिये प्रतिबद्ध है। इस बढ़ोत्तरी से सरकारी खजाने पर प्रतिवर्ष 35 करोड़ 80 हजार रुपये का अतिरिक्त व्ययभार पड़ेगा।

यूपी : अफसर दबाते रहे जांच, बीएसए करते रहे भ्रष्टाचार

सीएम योगी आज दिल्ली में, आरएसएस दफ्तर जाएंगे

Posted By: Shweta Mishra