पाकिस्‍तान की नापाक हरकतें कभी भी कम होने का नाम नहीं लेती हैं. पाकिस्‍तान के नापाक इरादों पर पेंटागन ने अमेरिकी कांग्रेस को अपनी एक रिपोर्ट सौंपी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्‍तान इंडियन आर्मी से मुकाबला करने के लिये आतंकी समूहों का इस्‍तेमाल कर रहा है.


भारत के खिलाफ साजिशपेंटागन ने कांग्रेस को बताया, 'अफगानिस्तान और भारत को निशाने पर लेने वाले आतंकी अफगान और क्षेत्रीय स्िथरता को नुकसान पहुंचाने के लिये पाकिस्तान से लगातार काम कर रहे हैं. पाकिस्तान इन आतंकी बलों का इस्तेमाल अफगानिस्तान में अपने प्रभाव में आई कमी के खिलाफ और भारत की श्रेष्ठ सेना से मुकाबला करने के लिये कर रहा है.' पेंटागन ने 100 से ज्याद पन्नों की इस रिपोर्ट में कहा कि ये संबंध पाकिस्तान के उस सार्वजनिक प्रतिबद्धता के विपरीत है, जिसके तहत उसने अफगान नेतृत्व वाली मैत्री को समर्थन देने की बात कही थी. इन समूहों का अफगान-पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों में एक प्राथमिक उत्तेजक बल के रूप में काम करना अभी भी जारी है.भारतीय दूतावास को खतरा
हेरात में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले के संदर्भ में पेंटागन ने कहा कि यह हमला भारत के पीएम के रूप में नरेंद्र मोदी के शपथ-ग्रहण समारोह से ठीक पहले किया गया था. पेंटागन ने कहा कि रिपोर्ट की इस अवधि के दौरान मई में भारी हथियारों से लैस चार आतंकियों के समूह ने हेरात प्रांत स्िथत भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला बोला. यह हमला भारत के नये पीएम नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण समारोह से ठीक तीन दिन पहले हुआ था. पीएम मोदी को हिंदू राष्ट्रवादी समूहों के करीब माना जाता है. इस हमले के समय के पीछे संभवत: यह तथ्य रहा हो. भारत और अफगानिस्तान की दोस्ती से पाक खफारिपोर्ट में कहा गया है कि, 'जून में अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने घोषणा की थी कि हमले के लिये आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा जिम्मेदार था. पूर्व अफगान राष्ट्रपति करजई ने भारत के साथ संबंधों का समर्थन करते हुये इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा की थी. पेंटागन ने कांग्रेस को सूचित किया कि भारत अभी भी अफगानिस्तान का सहयोग कर रहा है क्योंकि उसका मानना है कि एक सुरक्षित और स्िथर अफगानिस्तान इस क्षेत्र के लिये फायदेमंद होगा और मध्य एशिया में आर्थिक गलियारों के लिये मददगार होगा.    

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari