कुछ समय पहले हम सबने सुना था कि भारत समेत कई देशों के बाजारों में असली जैसे दिखने वाले प्‍लास्टिक के चावल बेचे और खाए जा रहे हैं। अब ये प्‍लास्टिक के चावल लोगों के शरीर पर कितना खतरनाक असर डालेंगे यह सोचकर भी डर लगता है। फिलहाल जो नई खबर आई है वो तो और भी परेशान करने वाली है क्‍योंकि प्‍लास्टिक के चावल खाने से तो बचना आसान है लेकिन दूसरे खतरे से बचना लगभग नामुमकिन!

हर दिन के खाने में मौजूद हो सकते हैं खतरनाक प्लास्टिक के 100 से ज्यादा कण

यह बात सुनकर आप चौंक रहे होंगे कि हम बिना जाने इतना सारे प्लास्टिक कण कैसे खा जाते हैं। आखिर ये कैसे पॉसिबल है? तो सुनिए ब्रिटेन में हुई एक हालिया रिसर्च बताती है कि ज्यादातर लोग अंजाने में ही रोजाना काफी मात्रा में खतरनाक प्लास्टिक कणों को निगल जाते हैं। इस रिपोर्ट के हिसाब से पूरे साल में एक आम इंसान 68,415 खतरनाक प्लास्टिक पार्टिकल्स को अपने पेट में पहुंचा देता है। हेल्थ के लिए ऐसा करना कितना खतरनाक होगा, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। अगर आप सोच रहे हैं कि ये प्लास्टिक के कण हमारे खाने और सब्जियों में मिले हुए हैं, तो ऐसा नहीं है।

प्लास्टिक प्लेट में खाना न भी खाएं तब भी रिस्क बरकरार

इस रिसर्च के दौरान यह पता चला कि भले ही लोग फाइबर और प्लास्टिक के बर्तनों में खाना न खाएं, लेकिन अगर ऐसी प्लेटें, ओवन के बर्तन और डिब्बे आपके खाने के आसपास या किचन में भी रखे हैं, तो उन पर जमी महीन डस्ट आपके खाने और फिर आपके पेट तक पहुंच जाती है। इसी न दिखने वाली धूल में शामिल होते हैं प्लास्टिक कण, जो बाद में आपके पेट और शरीर को बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं। अब जरा सोचिए यह रिसर्च यूके में हुई, जहां के शहरों और घरों में डस्ट पार्टिकल बहुत कम होते हैं। इस हिसाब से अंदाजा लगाएं तो भारत के तमाम शहरों के घरों में हर तरह की डस्ट पर्याप्त मात्रा में मिलेगी। रिसर्च टीम ने इस बारे में साफ कहा कि हमारे खाने की प्लेट में मौजूद ये खतरनाक प्लास्टिक कण फूड प्रोडक्ट्स से नहीं बल्कि हमारे किचन और डाइनिंग के वातावरण से आते हैं।

(एजेंसी इनपुट सहित)

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Posted By: Chandramohan Mishra