Kanpur: दुनिया में मोबाइल पर इंटरनेट के लिए 5-जी यानि फिफ्थ जेनरेशन मोबाइल-इंटरनेट लांच करने की तैयारी पूरी है. इंडिया में कई कंपनियां अपने नेटवर्क पर 4-जी सेवा शुरू कर चुकी हैं लेकिन विडंबना ये कि 15 लाख मोबाइल उपभोक्ताओं वाले कानपुर जैसे महानगर में 6.2 लाख बीएसएनएल सब्सक्राइबर्स टू-जी के जमाने में ही जीने को मजबूर हैं.

ठीक से शुरू नहीं

दरअसल कानपुर में बीएसएनएल आजतक 3-जी सेवा ही ठीक से शुरू नहीं कर सका है। हजारों स्मार्टफोन यूजर्स बीएसएनएल की सेवाओं में दिख रहे इस ‘जेनरेशन गैप’ से निराश हो रहे हैं। क्या स्मार्ट टेलीफोनी के इस ज़माने में बीएसएनएल फेल होता दिख रहा है? आई नेक्स्ट लाइव डॉट कॉम पर दर्जनों ऐसी शिकायतों की हमने की पड़ताल
थ्री जी सेवाएं पूरी तरह ध्वस्त
शहर में बीएसएनएल की थ्री जी सेवाएं लगभग पूरी तरह ध्वस्त हैं। थ्रीजी इंटरनेट सेवा पैक खरीदने वाले हजारों सब्सक्राइबर्स के पैसे जाया जा रहे हैं। स्मार्ट फोन से लैस बीलएसएनएल के युवा और टेक्नालॉजी पसंद सब्सक्राइबर्स  हैंडसेट्स पर वीडियो कॉलिंग, फेसबुक, ट्विटर, वॉट्स एप, यू-ट्यूब वगैरह का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। सब्सक्राइबर्स की शिकायत है कि बीएसएनएल की थ्री जी सेवा में इंटरनेट दूसरी कंपनियों के टू-जी से भी खराब चल रहा है। ये हालत होने से बीएसएनएल पर भरोसा करने वाले पुराने ग्राहकों का विश्वास टूट रहा है। असलियत ये है कि बड़े पैमाने पर थ्रीजी व इंटरनेट पैक बेच रहा बीएसएनएल आज तक आधे शहर में थ्रीजी सेवा शुरु ही नहीं कर पाया है। है। एकपट्र्स के मुताबिक ऐसा इसलिए कै क्योंकि कंपनी के लगभग आधे ही टावर्स पर थ्रीजी उपकरण लग पाए हैं। हर बीएसटी (बेसिक स्विचिंग सेंटर्स, टावर्स) पुराने उपकरणों को हटाकर नए थ्रीजी उपकरण लगाने (स्वैपिंग) का काम महीनों से अधर में लटका है। ऐसे में शहर में बीएसएनएल यूज करने वाले 6.2 लाख उपभोक्ता कब तक ‘हैंग’ रहेंगे पता नहीं। कुल मिलाकर स्मार्ट टेलीफोनी के जमाने में लगता है कि बीएसएनएल जैसी कंपनी डिमांड्स से कोप-अप नहीं कर पा रही है। बीएसएनएल की वर्किंग में एक बड़ा ‘जेनरेशन गैप’ दिखने लगा है।
आधे पावर के सिमकार्ड, ‘माइक्रो’ गायब, ‘नैनो’ का अता-पता नहीं
मॉल रोड स्थित बीएसएनएल के उपभोक्ता सेवा केंद्र की विंडोज के पास थोड़ी देर खड़े हो जाइए। आप देखेंगे कि उपभोक्ताओं को यहां माइक्रो सिम मुश्किल से मिलेंगे। आई फोन और दूसरे नए मॉडल्स लिए लोग ‘नैनो’ सिम कार्ड मांग दें, तो काउंटर पर बैठे लोग अजीब निगाहों से उन्हें देखने लगते हैं। शायद कई बीएसएनएल कर्मचारियों को मालूम नहीं कि कई लेटेस्ट हैंडसेट्स में ‘नैनो सिम’ नाम की चीज भी प्रयोग होने लगी है। जाहिर है कि कंपनी के इम्प्लाइज मार्केट डिमांड्स के बारे में ही अपडेट नहीं है। वहीं जहां अधिकांश कंपनियां फुल मल्टीमीडिया व नेट सेवा पाने के लिए अपने स्मार्ट फोन में ‘128-के’ का सिम यूज करने की सलाह देती हैं, बीएसएनएल में फिलहाल इसकी आधी पावर के यानि कि ‘64-के’ के सिमकार्ड्स ही बेचे जा रहे हैं। अक्सर स्टॉक होने के बावजूद अधिकारी-कर्मचारी पब्लिक की इन जरूरतों को ध्यान में नहीं रख रहे हैं। काउंटर्स पर कोई कस्टमर स्पेसिफाई करके 128-के का सिम मांगता भी है तो उसे ज्यादातर मिलता नहीं। कारण है कर्मचारियों को जानकारी नहीं होना और अधिकारियों का हद से ज्यादा लापरवाह होना। कई बार स्मार्ट फोन यूजर्स को ही सिम के बारे में ये जानकारी नहीं होती। वो बीएसएनएल के आधी पावर वाले सिम को ले जाता है और सर्विसेज का यूज नहीं कर पाता है। इन सब बातों से बीएसएनएल की सेवाओं और कार्यप्रणाली में ‘जेनेराशन गैप’ होने की पुष्टि होती है।
अपने ही ऑफिस में नहीं आता बीएसएनएल का नेटवर्क!
इस वक्त बीएसएनएल की सर्विसेज की हालत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मॉल रोड स्थित उनके अपने ही ऑफिस में हैंडसेट पर थ्रीजी सुविधा काम नहीं करती, नेटवर्क नहीं आता।
पोर्टेबिलिटी में जोर-जबर्दस्ती !
बीएसएनएल के पीआरओ दफ्तर में शिकायत लेकर आए काकादेव स्थित एक फर्म के कर्मी हरीश सिंह ने बताया कि उनके ओनर राजेश खुशवानी का रिलायंस का नंबर बीएसएनएल में पोर्ट करने के लिए तीन महीने पहले प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन अभी तक नंबर बीएसएनएल में पोर्ट नहीं हो सका है। बीएसएनएल पीआरओ एसके सिंह से बात करने के बाद मालूम पड़ा कि बीएसएनएल में स्टेटस ओके है, लेकिन सारे ड्यूज क्लीयर कर देने के बावजूद तीन महीनों से रिलायंस वाले क्लीयरेंस नहीं दे रहे हैं। हरीश के अनुसार कई बार काकादेव स्थित रिलायंस वेब वल्र्ड के चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन अब तो रिलायंस समझाते हैं कि उनकी कंपनी की सेवाएं सबसे बेहतर हैं। सरकारी कंपनी खराब है। नंबर पोर्ट मत करो वगैरह। और क्लीयरेंस नहीं दे रहे।
तो ‘ट्राई’ से करें सीधे शिकायत
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सएनएल पीआरओ एसके सिंह कें अनुसार प्राइवेट कंपनियां नंबर पोर्ट करने में परेशान करें या आनाकानी करके आपका हक मारने की कोशिश करें तो उपभोक्ता तुरंत ही रेगुलेशन एथॉरिटी ‘ट्राई’ में लिखित शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए 222.ह्लह्म्ड्डद्ब.द्दश1.द्बठ्ठ पर लॉगआन करके ‘कंपलेन’ सेक्शन में जाकर ई-मेल से लिखित शिकायत कर सकते हैं। तुरंत कंपनी से जवाब तलब कर लिया जाएगा। क्योंकि नंबर पोर्टेबिलिटी उपभोक्ता का अधिकार है। इसे रोकने की कोशिश कानूनी नहीं।
विभाग की ढिलाई के कारण पुराना विश्वास टूटने की कगार पर
्य्रहृक्कक्र: सिटी के युवा, मर्चेंट नेवी में कैप्टन फरहान अली महीनों से बीएसएनएल के कृष्णा नगर एक्सचेंज और मॉल रोड दफ्तर के चक्कर लगा-लगा कर परेशान हो चुके हैं। वो बीएसएनएल पीआरओ के पास परेशान हाल पहुंचे और कहा कि उनका ब्रॉडबैंड बंद करवा दें, क्योंकि वो अब और प्रताडऩा सह नहीं सकते। फरहान ने आई नेक्स्ट को बताया कि वो और उनकी फैमली ने चार महीने पहले जाजमऊ से सिविल लाइंस में रेजीडेंस शिफ्ट किया। वहां पर घर में लगा ब्रॉडबैंड नंबर व लाइन भी सिविल लाइंस में ट्रांसफर करवाने की एप्लीकेशन दी। लेकिन वो एक हफ्ते का काम चार महीने में नहीं हो सका। नए घर पर ब्रॉडबैंक लाइन चालू नहीं हुई। लेकिन पते पर बिल जरूर आने लगा, जिसमें हर माह बीएसएनएल रेंटल जोडक़र भेज देता है। अब वो चार महीने शिप पर या विदेश में रहते हैं, वृद्ध पिता या पत्नी कैसे दौड़-भाग करें? फरहान के अनुसार उनके पूरे परिवार को बीएसएनएल पर इतना भरोसा है कि कोई और सर्विस यूज नहीं करना चाहते, लेकिन बीएसएनएल की ढिलाई के कारण उनका विश्वास टूट रहा है।
सीडीआर सिस्टम से सीधे जुड़ेंगे सब्सक्राइबर्स एकाउंट
बीएसएनएल के सब्सक्राइब्रर सुविधा में सुधार का कार्यक्रम जारी है। जल्द ही यूजर्स के एकाउंट्स को सीडीआर (बिलिंग एंड इनवॉइसिंग) सिस्टम से जोड़ दिया जाएगा। पीआरओ एसके सिंह के अनुसार इसके बाद उपभोक्ता के बिल में कोई गल्ती या प्रॉब्लम होने पर उनके एकाउंट (लॉगिन) में रिफलेक्ट हो जाएगी। वो क्वेरी कर सकेंगे और गड़बड़ी को तुरंत दूर किया जा सकेगा। लेकिन इसके लिए सब्सक्राइबर्स को 222.ड्ढह्यठ्ठद्य.ष्श.द्बठ्ठ पर अपना लॉगिन क्रिएट करना पड़ेगा। वैसे ऑन लाइन बिल पेमेंट, बिल और अपनी कॉल डिटेल आदि देखने की सुविधा काफी दिनों से है।

जीएम ने कहा गड़बड़ी का कारण रोस्टरिंग भी, दिसंबर तक सर्विसेज सुधरने की उम्मीद
बीएसएनएल कानपुर के जीएम राणा अशोक कुमार सिंह है कि शहर में इलेक्ट्रिसिटी क्राइसिस का असर कंपनी की इंटरनेट सेवाओं पर पड़ रहा है। हो सकता है कि टावर रूम्स में लगे कमरों के एसी ठीक से काम नहीं कर रहे हों, इस कारण 3-जी उपकरण भी गड़बड़ा गए हों। क्योंकि वर्तमान में जिस कंपनी के थ्री जी एक्विपमेंट्स लगे हैं वो बेहद टेंपरेचर सेंसटिव हैं। बार-बार बिजली आने-जाने या घंटों कटौती के कारण स्विचिंग सेंटर्स पर प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। इसी से नेटवर्क और थ्री-जी गड़बड़ है। अब सबको चेक करवाया जाएगा। वहीं शहर भर में लगीं बीएसएनएल की 200 टावर्स (बेसिक स्विचिंग सेंटर्स) में से केवल 120 या 130 टावर्स पर ही थ्री-जी उपकरण लगा है। इसलिए पूरे शहर में थ्री-जी सुविधा नहीं है। वहीं सभी स्विचिंग सेंटर्स और माल रोड स्थित मास्टर स्विच सेंटर पर पर पुराने हटाकर जेड.टी.ई। कंपनी के नए उपकरण लगने का प्रस्ताव और बजट पास है। इस उपकरण में टू-जी और थ्री जी एक ही में है। ये ज्यादा एडवांस और कम सेंसटिव हैं। फिलहाल इन उपकरणों की सप्लाई कानपुर को नहीं मिल पाने के कारण काम रूका है। जल्द ही स्वैपिंग का ये काम शुरू होगा। दिसंबर तक काम काफी पूरा हो जाने की उम्मीद है। फिर सभी एरियाज में थ्री-जी मिलेगा। नेटवर्क ठीक होगा।
Report by abhishek.tripathi@inext.co.in

Posted By: Inextlive