PATNA : पूरा देश सोलर एनर्जी को लेकर आगे आ रहा है लेकिन पटना में इसमें फेल है। गांव से भी बदतर हालत में शहर है। केंद्र और प्रदेश सरकार सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए हर स्तर से प्रयास कर रही हैं लेकिन पटना रेस नहीं लगा पा रहा है। निजी और व्यवसायिक इस्तेमाल पर सोलर के लिए स्कीमों की झड़ी लगाने के बाद भी हाल यह है कि अन्य शहरों की अपेक्षा पटना पीछे है। कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि गांव की अपेक्षा 20 प्रतिशत भी बिक्री शहर में नहीं है। गांवों में मोबाइल चार्जिग से लेकर बड़ी बड़ी आटा चक्की भी सोलर एनर्जी से चल रही है।

गांव में उर्जा का बेहतर स्रोत

बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि सिंचाई को लेकर सरकारी की योजना का पूरा लाभ किसान उठा रहे हैं। इसके अलावा व्यवसायिक और घरेलू उपयोग में भी सोलर का बड़ा रोल पटना के आस पास गांव में दिख रहा है। कृषि विभाग की योजना काफी काम आई है। विभाग के आंकड़ों की मानें तो एक साल में 40 प्रतिशत ग्रोथ सोलर के इंस्टालेशन में हुआ है।

इसलिए है पीछे पटना

सोलर एनर्जी से जुड़े कारोबारियों की मानें तो शहर में जागरुकता को लेकर सरकार का जोर कम है। हर घर सोलर योजना के माध्यम से केंद्र सरकार अधिक से अधिक सोलर एनर्जी लाना चाहती है। लेकिन जानकारों का कहना है कि प्रचार प्रसार और जागरुकता की कमी के कारण इसका दायरा बढ़ नहीं रहा है।

सरकार का प्लान फेल

बिहार सरकार ने प्लान बनाया था कि ब्रेडा और एसबीपीडीसीएल के साथ आम लोगों को सोलर एनर्जी लगाकर खरीदने की बात दी थी। सोलर पावर को लेकर बढ़ावा देने की इस योजना को भी पंख नहीं लग सका है। आने वाले 40 साल में 75 प्रतिशत सोलर एनर्जी को लेकर सरकार की बड़ी तैयारी है लेकिन इसका असर सिर्फ गांव में ही दिख रहा है।

बाजार में प्रोडक्ट की भरमार

ऑनलाइन से लेकर ऑफलाइन बाजार में सोलर के प्रोडक्ट भरे पड़े हैं। लेकिन सबसे अधिक बिकने वाले सोलर के आइटम में टार्च, बैट्री चार्जर और सोलर लाइट है। जानकारों का कहना है बड़े प्लांट को लेकर लोग जल्दी तैयार नहीं होते हैं। जहां बिजली की समस्या है वहां मोटीवेट करने के बाद लोग सोलर एनर्जी को लेकर तैयार होते हैं।

Posted By: Inextlive