और कितना खोदेंगे जनाब..
राजरूपपुर के लोगों ने बयां किया दर्द, कहा शहर ही नहीं हमारा इलाका भी हो गया गड्ढों का शिकार
ALLAHABAD: लोग परेशान हो चुके हैं। प्रशासन नए स्थान पर खोदाई न करने का अल्टीमेटम दे रहा है लेकिन एजेंसियों पर कोई असर नही है। शनिवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट एरिया में पहुंचा तो लोग खुद निकल आए अपना दर्द बयां करने के लिए। पैदल निकलना भी हो गया मुश्किलराजरूपपुर एरिया में साठ और तीस फीट रोड जगह-जगह खोद दी गई है। इससे पैदल चलना दूभर है। सबसे अहम कि झलवा जाने वाला मेन रास्ता भी खोद दिया गया है। सड़कें और गलियां खोदे जाने से कई जगहों पर पेयजल पाइप लाइन बर्स्ट हो गई है। राजरूपपुर और चकिया के बीच के मोहल्लों में कई जगह या तो पानी पहुंचने में दिक्कत है या दूषित पेयजल की सप्लाई हो रही है। दिनभर धूल से सेहत खराब होने का खतरा बढ़ गया है। बच्चों का स्कूल जाना दुश्वार हो गया है।
अचानक सड़क और गलियां खोदने की बाढ़ सी आ गई है। सुबह उठो तो पता ही नही चलता है कि रात तक दुरुस्त रही गली खोद दी गई है। खोदने और सीवर लाइन डालने के बाद सड़कों को ठीक कौन करेगा, यह भी कोई बता दे। एमके मार्शलसड़क की खोदाई होती है तो जेसीबी वाले पेयजल की पाइप लाइन क्षतिग्रस्त कर देते हैं। इसे बनवाने में हफ्तों लग जाते हैं। न तो पाइप लाइन तोड़ने वाला सुनता है और न ही बनाने वाला हमारी सुध लेता है।
महेश गौतम हमारे मोहल्ले ही नहीं बल्कि पूरे शहर की हालत खराब है। राजरूपपुर से झलवा जाने वाली मेन रोड को भी नहीं छोड़ा है। यहां भी खोद कर बराबर कर दिया गया है। उदय राज सीवर लाइन बिछानी थी तो प्लानिंग के साथ काम किया जाना चाहिए था। एक गली का काम पूरा कर लेते तो दूसरी में खोदाई की जाती। यहां तो सब जगह एक साथ जेसीबी चला दी गई है। विनोद वर्मा गर्मी का मौसम चरम पर है। ऊपर से रोड से उड़ने वाली धूल ने नाक में दम कर रखा है। कई बार तो सांस लेने में भी दिक्कत होने लगती है। अधिकारी बताएं कि संबंधित एजेंसी खोदी गई रोड को कब सही करेगी। इंद्र हमारे इलाके में कई स्कूल हैं। सुबह-सुबह बच्चे स्कूल जाते समय गड्ढे में फंस कर गिर जाते हैं। उनको चोट भी लगती है। स्कूल ट्राली में बिठाने में भी पैरेंट्स को डर लगता है। शशिकांत सिंह