जो नहीं पीते हैं वो कम जीते हैं!
टेक्सास विश्वविद्यालय के अध्ययन में साबित हुआ कि जिन्होंने कभी शराब को हाथ भी नहीं लगाया उनमें, लगातार पीने वालों की तुलना में अल्पायु में मृत्यु का खतरा काफी ज्यादा होता है। टाइम पत्रिका में प्रकाशित रिर्पोट के अनुसार शरीर में अल्कोहल की अनुपस्थिति कम उम्र में मौत के खतरे को गंभीर रूप से बढ़ा देती है।
थोड़ी थोड़ी जरूर पिया करो
विश्वविद्यालय की स्टडी रिपोर्ट में 1,824 लोगों पर 20 साल तक शाध करने के बाद ये दावा किया गया है कि संतुलित मात्रा में नियमित पीने वालों की दर 41 प्रतिशत रही जो कि बिलकुल ना पीने वालों की दर 69 प्रतिशत की तुलना में काफी कम है। अगर सिरोसिस और कई प्रकार के दूसरे कैंसर को किनारे कर दिया जाए, जिनके शराब ना पीने या कम पीने पर भी होने की संभावना बनी रहती है, तो वे नॉन ड्रिंकर्स के मुकाबले लंबा जीते हैं।
पीते हैं तो जिंदा हैं
ये बात अध्ययन में भी साबित हुई है कि शराब की संतुलित मात्रा ना सिर्फ सब गम भुला देती है बल्की आपको अधिक सामाजिक और व्यस्त भी बना देती है। जबकि ना पीने वाले अकेलेपन के शिकार हो जाते हैं, जिससे डिप्रेशन और सामाजिक उत्कंठा से ग्रस्त होने की संभावना बन जाती है। इसलिए हम नहीं कह रहे कि आप पी कर टल्ली या नशेड़ी हो जायें पर हां थोड़ी बहुत पीने में कोई हर्ज नहीं है।