Dehradun : पासिंग आउट परेड के दौरान देश पर सब कुछ लुटा देने का जज्बा रखने वाले जवानों के चेहरे गर्व से चमक रहे थे. इस दौरान मौजूद जवानों के पैरेंट्स के लिए यह पीओपी पीरियड ऑफ प्राइड बन गई. थर्सडे को आईटीबीपी एकेडमी परेड ग्राउंड में 91 अधिकारी व अधीनस्थ अधिकारी देश की रक्षा की शपथ के साथ बल की मुख्य धारा में शामिल हो गए. परेड के दौरान कई परिजन इमोशनल थे तो कई परिजनों की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े.


कमांडेंट ने दिलाई शपथ37वें जीओज कंबैटाइजेशन कोर्स और 16वें एसओज कंडेंस कोर्स की समाप्ति पर आईटीबीपी एकेडमी परेड ग्राउंड में ऑर्गनाइज पीओपी और ओथ सेरेमनी में बल के आईजी एमएस भुर्जी ने परेड और मार्च पास्ट की सलामी ली। कमांडेंट प्रशासन सत्येंद्र कुमार ने पास आउट होने वाले अधिकारियों व अधीनस्थ अधिकारियों को शपथ दिलवाई। समारोह में जीओज कंबैटाइजेशन कोर्स के 19 अधिकारियों और एसओज कंडेंस कोर्स के 72 अधीनस्थ अधिकारियों ने शपथ ली और मार्च पास्ट किया। इस मौके पर बल के पाईप बैंड ने माहौल को रिदमिक बना दिया। प्रोग्राम में सेंट्रल कराटे टीम ने मार्शल आर्ट परफॉर्म कर सबको चौंका दिया। परेड डा। रामेश्वरसिंह राणा ने लीड किया।Honoured pass out officers
इस दौरान 37वें जीओज कंबैटाइजेशन कोर्स की डा। रोमा संतोष कौल को ओवरऑल बेस्ट ट्रेनी, डा। अरुण सनाध्या को बेस्ट इंडोर ट्रेनी और डा। आरएस राणा को बेस्ट आउटडोर ट्रेनी के लिए सम्मानित किया गया। इसके साथ ही 16वें एसओज कंडेंस कोर्स के एएसआई रांग्ला चुंगलेन को ओवर ऑल बेस्ट ट्रेनी, एएसआई नरेंद्र कुमार को बेस्ट इंडोर ट्रेनी और एएसआई प्रदीप कुमार को बेस्ट आउटडोर ट्रेनी के लिए सम्मानित किया गया। इस मौके पर चीफ गेस्ट एमएस भुर्जी ने पास आउट होने वाले अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि आप सभी को आईटीबीपी में शामिल होकर देश सेवा का एक स्वर्णिम अवसर मिला है। अब आपको बल एवं अपने परिजनों की अपेक्षाओं पर खरा उतरना होगा। एकेडमी के निदेशक आईजी हरभजन सिंह और उपनिदेशक डीआईजी प्रेमकुमार धस्माना ने सभी का आभार व्यक्त किया।'आईटीबीपी में शामिल होकर मुझे देश सेवा का बहुत सुनहरा मौका मिला है और अब मैं अपना सबकुछ देश सेवा में झोंक दूंगा। अपने परिजनों व बल की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए मैं पूरी कोशिश करुंगा। यूथ से मेरी अपील है कि वह पैरामिलिट्री फोर्सेज ज्वॉइन कर देश सेवा का प्रण लें.'-डा। रामेश्वर सिंह राणा, बेस्ट आउटडोर ट्रेनी'आज एक साल की ट्रेनिंग के बाद मैं बल की मुख्य धारा में शामिल हुई हूं और इसके साथ ही मुझे देश सेवा का एक स्वर्णिम अवसर मिला है। प्रशिक्षण के दौरान में अपनी एक साल की बच्ची से दूर रही। आज मैं अपने परिजनों व बच्ची को मिलकर बहुत खुश हूं.'-डा। रोमा संतोष कौल, ओवरऑल बेस्ट ट्रेनी

Posted By: Inextlive