-भव्यता के साथ निकली श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी की पेशवाई

-नासिक व हरिद्वार के शाही बैंड की धुन पर देशभक्ति व धार्मिक गीतों ने किया मंत्रमुग्ध

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PRAYAGRAJ: श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी की पेशवाई में अखाड़े की परंपरा का वैभव दिखाई दिया। मेला क्षेत्र में प्रवेश करने से पहले मंगलवार को पूरी भव्यता के साथ अखाड़े की पेशवाई निकाली गई। पेशवाई के लिए खासतौर से हरिद्वार, देहरादून, पंजाब, नासिक व सहारनपुर से शाही बैंड को आमंत्रित किया गया था। इन शहरों से आकर्षक वेशभूषा में सुसज्जित होकर पेशवाई में शामिल हुए कलाकारों ने बैंड की धुन पर देशभक्ति और धार्मिक गीतों की ऐसी प्रस्तुतियां की गई कि करीब पांच किमी लम्बे पेशवाई मार्ग पर खड़ी पब्लिक गीतों पर झूमती रही।

इन गीतों की हुई प्रस्तुतियां

-गंगा तेरा पानी अमृत

-मां तुझे सलाम, मां तुझे सलाम

-हर-हर महादेव, हर-हर महादेव

-ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी

-यशोमति मइया से बोले नंदलाला

-भारत की है ये कहानी, सदियों से है पुरानी

-रामजी की सेना चली प्रभु रामजी सेना चली

शंखनाद के बीच अध्यक्ष ने किया स्वागत

अखाड़े की पेश वाई अल्लापुर स्थित मठ बाघम्बरी गद्दी से सौ मीटर आगे जमात बाग से निकली। मठ के सामने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि व अन्य पदाधिकारियों ने अखाड़े के संत-महात्मा और महामंडलेश्वरों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। इस दौरान मठ के गेट पर खड़े आचार्य शंखनाद कर रहे थे तो वेदपाठी ब्राह्माणों ने पेशवाई पर पुष्प वर्षा की।

पेशवाई का आकर्षण

06 दर्जन घोड़ों, चार हाथी छह ऊंट पर सवार होकर नागा संन्यासी सवार होकर अपना करतब दिखाते हुए चल रहे थे।

01 दर्जन संत-महात्मा व महामंडलेश्वर आशीर्वाद दे रहे थे, चांदी के हौदे पर सवार होकर

35 सदस्यों का दल काशी विश्वनाथ संघ का सिर पर साफा बांधकर और हाथों में डमरू बजाते हुए छावनी तक पहुंचा।

-इंदौर से आई अखाड़े की शिष्याओं ने पेशवाई मार्गो पर खूब डांस किया।

-जम्मू-कश्मीर के श्री गुरु गंग देवजी संस्कृत महाविद्यालय के दौ सौ छात्र आकर्षक वेशभूषा में चल रहे थे।

-विद्युत शवदाह गृह के नीचे से लेकर त्रिवेणी पाण्टून पुल के पास तक लगातार पुष्प वर्षा की गई।

-सड़क के दोनों ओर खड़ी पब्लिक को चांदी के हौदे पर सवार संत-महात्मा आशीर्वाद देते रहे।

अनुशासन के साथ निकली पेशवाई

पेशवाई निकलने से पहले जमात बाग में परंपरा का पालन करते हुए संत-महात्माओं ने दही-मीठा खाया। पेशवाई जमात बाग से निकलकर, बक्शी बांध होते हुए बक्शी त्रिमुहानी, निराला मार्ग, भगवान वेणीमाधव मंदिर, निराला चौराहा, मोरी होते हुए, विद्युत शवदाह गृह के नीचे उतरकर त्रिवेणी मार्ग पाण्टून पुल से होकर अपनी छावनी में पहुंची। पेशवाई में महामंडलेश्वर स्वामी महेशवरानंद सरस्वती, स्वामी शिव चैतन्य पुरी, स्वामी वियोगानंद सरस्वती, स्वामी हरिहरानंद सरस्वती, स्वामी देवानंद सरस्वती, स्वामी सर्वानंद सरस्वती, श्रीमहंत जमुना पुरी, श्रीमहंत वासुदेव गिरि सहित दर्जनों संत-महात्मा शामिल रहे।

Posted By: Inextlive