Varanasi: अखाड़ों की शानो-शौकत और साधुओं की फक्कड़ी एक बार फिर सिटी के लोगों को देखने को मिली. रविवार को बैजनत्था से रमता पंच दशनामी जूना अखाड़ा की नगर पेशवाई निकली. शाही ध्वजा फहराते रणकौशल दिखाते साधु-संत निकले. हर-हर महादेव के नारों के साथ नागा साधुओं का करतब देखना हर किसी के लिए कौतूहल का विषय बना रहा. साधुओं का हुजूम जिधर से गुजरा लोगों की भीड़ जुटी रही. संतों पर श्रद्धालु फूल बरसाते रहे. पेशवाई की व्यवस्था के लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद रहा.


हाथी-घोड़े भी चल रहे थे साथ पेशवाई में हाथी, घोड़ा, पालकी, शाही ध्वज, भाला, डमरू, त्रिशूल, तलवार के साथ साधु-संत चल रहे थे। बैंड-बाजा और ताशा पर साधु की आस्था से जुड़ी अनूठी बारात कमच्छा, भेलूपुर, सोनारपुरा, हरिश्चंद्र घाट होते हुए अपराह्न तकरीबन तीन बजे बड़ा हनुमानघाट स्थित अखाड़ा मुख्यालय पहुंची। यहां आरती, पूजा के बाद देवता को आसन पर विराजमान कराया गया। पेशवाई में मुख्य रूप से अखाड़े के सभापति श्रीमहंत सोहन गिरि, श्रीमहंत उमाशंकर भारती, श्रीमहंत गिरिजापति गिरि, श्रीमहंत भागवतपुरी, महामंत्री महंत हरि गिरि, महंत प्रेम गिरि, राष्ट्रीय सचिव विद्यानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर श्रीमहंत केदार पुरी, श्रीमहंत हरिहरानंद भारती, श्रीमहंत पृथ्वी गिरि, श्रीमहंत हरदेव गिरि आदि शामिल थे।प्रशासन रहा मुस्तैद
पेशवाई की व्यवस्था के लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद रहा। इसे लेकर सुबह से रूट की साफ-सफाई कराई गई। रास्ते में दिक्कत नहीं हो इसके लिए अतिक्रमण पहले ही हटा दिये गए थे। हालांकि छुïट्टी का दिन होने की वजह से रोड पर चलने वालों की संख्या कम थी। इसके बाद भी पेशवाई के दौरान रूट डायवर्जन किया गया ताकि किसी तरह का ट्रैफिक डिस्टर्बेंस नहीं हो। सिक्योरिटी के मद्देनजर साधु-संतों के साथ ही पुलिस और पीएससी के जवान भी चल रहे थे।

Posted By: Inextlive