- मीरगंज से बदली तेंदुए की लोकेशन, फतेहगंज पश्चिमी पहुंचा, यहीं रेस्क्यू की संभावना

BAREILLY:

फतेहगंज पश्चिमी पहुंचे तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम दूसरे दिन वेडनसडे भी घेराबंदी करती रही। टीम को तेंदुआ नजर नहीं आया, लेकिन तेंदुए के पग मार्क नजर आए हैं, जिसके चलते वेडनसडे को ही वापस लौटने वाली टीम अब आगामी करीब 4 दिनों तक फतेहगंज पश्चिमी के पास जंगल में खोजबीन करेगी। डीएफओ भरत लाल ने बताया कि ट्यूजडे को रखा चारा यानि बेट को अभी तक शिकार नहीं बनाया है। संभावना जताई कि तेंदुआ कहीं और नहीं गया आसपास ही रहा तो वह बेट का शिकार जरूर करेगा, जिसके बाद उसकी एक्चुअल लोकेशन ट्रेस हो सकेगी।

आखिर क्यों पहुंचा फतेहगंज पश्चिमी

करीब माह भर पहले ही फतेहगंज पश्चिमी स्थित बंद पड़ी रबड़ फैक्ट्री में बाघ फतेह को वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू किया था। वहीं, अब फिर तेंदुए की दस्तक ने इलाके में दहशत फैला दी है। लोगों को शाम ढलने के साथ ही घरों में कैद होना शुरू हो चुका है। आखिर क्यों फतेहगंज पश्चिमी बाघ और तेंदुआ पहुंचे, इस पर अधिकारियों ने बताया कि फतेहगंज पश्चिमी वन क्षेत्र में है। यहां काफी पेड़ हैं। बताया कि बाघ प्रजाति के जीव अपने लिए इलाका आसानी से ढूंढ लेते हैं। खेतों के जरिए वह यहां तक पहुंच रहे हैं। संभावना जताई कि पीलीभीत से तेंदुआ भटक कर बरेली आ पहुंचा है।

तो वहीं फिर पकड़ेगा विभाग

चीफ कंजर्वेटर पीपी सिंह के मुताबिक मोहम्मदीपुर में तेंदुए के पग मार्क मिले हैं। संभावना जताई कि वह रबड़ फैक्ट्री का रुख कर सकता है। यदि वह वहां पहुंचा तो संभव है कि वह भी फैक्ट्री में अपने लिए बेडरूम, डाइनिंग रूम खोज सके। ऐसा करने पर उसका रूटीन फिक्स हो जाएगा। ऐसे में आसानी से वह ट्रेस किया जा सकता है। जिसके बाद पीलीभीत वन विभाग और वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया को रेस्क्यू के लिए बुलाया जाएगा। कहा कि बस देर है तो तेंदुए की जगह लोकेट होने की। स्थानीय निवासियों के सहयोग की जरूरत है।

तेंदुए के पग मार्क मिले हैं, जिसके आधार पर ट्रेसिंग की जा रही है। बेट भी रखा है ताकि तेंदुआ उसे शिकार बनाए, जिससे उसकी लोकेशन ट्रेस हो सके।

भरत लाल, डीएफओ

Posted By: Inextlive