-फरवरी, 2018 में हुई पैट की परीक्षा, एक साल बाद भी नहीं निकली है मेरिट लिस्ट

PATNA: पटना यूनिवर्सिटी में करीब छह साल के बाद भी पीएचडी करने के सपने को ग्रहण लग गया है। साल भर पहले पैट की परीक्षा ली गई थी। वर्तमान में इसका छह महीने का कोर्स वर्क भी पूरा हो गया होता। लेकिन पीयू ने इंटरव्यू के अलावा पीजी के मा‌र्क्स को भी मेरिट लिस्ट के लिए शामिल कर स्टूडेंट्स के सामने समस्या खड़ी कर दी है। इस कारण सैकड़ों स्टूडेंट्स पैट पास होकर और जेआरएफ की स्कॉलरशिप के लिए योग्य होते हुए भी सामान्य छात्र की गिनती में भी नहीं है। सैकड़ों स्टूडेंट्स का स्कॉलरशिप भी लैप्स हो चुका है और कुछ स्टूडेंट्स का लैप्स होने वाला है।

आखिर क्या है पैट का लोचा

देश भर में प्री पीएचडी की परीक्षा विश्वविद्यालयों में होती है। इसमें लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के बाद मेरिट लिस्ट जारी किया जाता है और इसमें क्वालिफाइड स्टूडेंट्स को छह महीने का कोर्स वर्क कराया जाता है। लेकिन समस्या यह है कि पटना यूनिवर्सिटी में इन दोनों के अलावा पीजी के मा‌र्क्स पर भी प्वाइंट का नियम बना है। इस बात का छात्र खुलकर विरोध कर रहे हैं।

मा‌र्क्स पर प्वाइंट देने में ये है समस्या

पटना यूनिवर्सिटी की पैट एग्जाम में शामिल रहे स्टूडेंट लाल कृष्णा ने बताया कि शायद मा‌र्क्स बेसिस पर भी स्टूडेंट्स विरोध नहीं करते लेकिन समस्या है कि पटना यूनिवर्सिटी में पीजी में मा‌र्क्स बहुत कम मिलता है। जबकि मुजफ्फरपुर और भागलपुर जैसे यूनिवर्सिटी में बहुत अधिक मा‌र्क्स दिया जाता है। यदि पीजी के मा‌र्क्स पर प्वाइंट की बात को आधार बनाया गया है तो इससे पटना यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स ही पीएचडी करने से वंचित रह जाएंगे। पूरी समस्या की जड़ यही है। स्टूडेंट्स कहते हैं कि यह यूजीसी के नियमों के अनुरूप नहीं है।

स्टूडेंट्स लगा रहे वीसी और प्रोवीसी के यहां चक्कर

जहां एक ओर कई स्टूडेंट्स की यूजीसी की जेआरएफ स्कॉलरशिप की राशि लैप्स हो गई है। वहीं नए सिरे से परीक्षा दे रहे स्टूडेंट्स ने मेरिट लिस्ट जारी करने और कोर्स वर्क शुरू कराने की मांग की है। इस मांग को लेकर स्टूडेंट्स वीसी डॉ रास बिहारी प्रसाद और प्रो वीसी डॉ डॉली सिन्हा से मिल चुके हैं। डॉ डॉली सिन्हा ने तो कोई जबाव नहीं दिया। लेकिन वीसी डॉ रास बिहारी प्रसाद सिंह ने कहा कि मामला अभी कोर्ट में है, हमारे हाथ में अब कुछ नहीं है।

राजभवन का हस्तक्षेप भी बेअसर

पैट का मामला राजभवन भी गया। राजभवन ने रेग्यूलेशन को लेकर कुछ नियम व शर्तो की बात रख पैट का रिजल्ट निकालने का निर्देश पीयू को दिया। लेकिन इस दौरान यह मामला कोर्ट में चला गया। इसलिए जिन नियम-शर्तो को पालन करते हुए मेरिट लिस्ट को स्वीकार किया जाता, वह कोर्ट में मामला चले जाने से यह लंबित हो गया है।

हमारा प्रयास है कि स्टूडेंट्स का समय बर्बाद न हो। लेकिन यह बात अब यूनिवर्सिटी लेवल की नहीं है। तत्काल इसमें कुछ नहीं कहा जा सकता है।

-डॉ रास बिहारी प्रसाद सिंह, वीसी पटना यूनिवर्सिटी

Posted By: Inextlive