-पिछले दिनों छापेमारी के दौरान कई मेडिकल स्टोर पर फेंसीडिल के परचेजिंग का रिकॉर्ड मिला, लेकिन सेल का नहीं

BAREILLY :

कफ सीरप फेंसीडिल से नशे के कारोबार में फंसे होल सेलर्स ने बचने के लिए नया हथकंडा अपनाना शुरू कर दिया है। सेल दिखाने के लिए वह रिटेल मेडिकल शॉप्स के नाम फर्जी बिल काट रहे हैं। फर्जी बिलिंग का एक ऐसा ही मामला वेडनसडे को सामने आया। राजेंद्र नगर के जानेमाने होम मेडिकोज के ओनर ने वेडनसडे को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उसके नाम की गई 4 लाख की फर्जी बिलिंग का खुलासा किया।

ड्रग डिपार्टमेंट यदि इन सभी होल सेलर की गहनता से जांच करें तो बड़ा खुलासा हो सकता है।

फर्जी नाम से बना रहे बिल

बरेली रिटेलर केमिस्ट वेलफेयर सोसायटी ने दोपहर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐसे ही मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि शहर में फेंसीडिल व अन्य नशीली दवाओं की बिक्री पर प्रतिबंध है। लेकिन इसके बिक्री के लिए फुटकर व्यापारियों के नाम को इस्तेमाल किया जा रहा है। यह दवा डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर दी जाती है लेकिन कोई डॉक्टर भी इसे नहीं लिखते हैं। इसके बाद भी नवाबगंज और आसपास के रिटेलर के नाम फर्जी बिल बनाए जा रहे है। जो एक गंभीर मामला है दवा व्यापारियों ने इसकी जांच और दोषी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

रिटेलर ने किया खुलासा

शहर के शास्त्री मार्केट में विन्नी मेडिकोज ने शहर के रामजानकी मंदिर के पास ओम मेडिकल के नाम नशीली दवा का 4 लाख से अधिक का बिल बना दिया। मामला पकड़ में आया तो मेडिकल संचालक ने बिन्नी मेडिकोज से इसकी शिकायत की। जिस पर विन्नी मेडिकोज ने अपनी गलती मानते हुए बिल कैंसिल कराने की बात लिखित में कही।

डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन जरूरी

नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेन्सेस एक्ट, 1985 (एनडीपीएस) के तहत फेंसीडिल समेत नशा करने वाली तमाम दवाएं बेचने की सख्त प्रक्रिया निर्धारित है। इसके तहत कोडिन युक्त फेंसीडिल जैसे सीरप को बिना डॉक्टर के पर्चे (रिटन प्रिस्क्रिप्शन) के नहीं बेचा जा सकता। वहीं, रीटेल मेडिकल स्टोर को सेल बिल और इस रिटन प्रिस्क्रिप्शन (पर्चे) की फोटोकॉपी का रिकॉर्ड रखना अनिवार्य है। इस मामले में यदि फेंसीडिल के होलसेलर्स के सेल्स बिलों को रीटेल मेडिकल स्टोर्स की बिलिंग और डॉक्टरों के प्रिस्क्रिप्शन की फोटो कॉपी के रिकॉर्ड से क्रॉस चेक करने पर कई होल सेलर्स के फर्जीवाड़े का खुलासा हो जाएगा।

दिल्ली क्राइम ब्रांच कर रही जांच

ज्ञात हो फेंसीडिल कफ सीरप की 300 पेटियां लेकर पिछले माह बरेली आ रहे ट्रक को गाजियाबाद बॉर्डर पर जीएसटी अफसरों ने रोक लिया। ट्रक में भरे माल का बिल नहीं था। जिसकी पेनाल्टी ट्रांसपोर्टर ने अदा कर मामले को रफा दफा करने की कोशिश की। लेकिन जीएसटी अफसरों ने मामला क्राइम ब्रांच दिल्ली के सुपुर्द कर दिया। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने नशे के धंधे बाजों को तलाश किया तो बरेली के 12 धंधेबाज राडार पर आ गए। अब इन धंधेबाजों को दिल्ली में क्राइम ब्रांच को जवाब देना होगा। दो जुलाई से तीन-तीन धंधेबाजों को दिल्ली बुलाया गया था।

Posted By: Inextlive