- एडवांस की रैंक के आधार पर मिलेगा आईआईटी में एडमिशन

- कैंडिडेट्स के मा‌र्क्स बराबर हुए तो सब्जेक्ट्स के नंबर होंगे खेवनहार

DEHRADUN : जेईई मेंस का महासंग्राम थम चुका है। अब एग्जाम क्वालिफाई करने वाले टॉप क्.भ् लाख कैंडिडेट्स एडवांस की रेस में शामिल होंगे। जहां से आईआईअी के द्वारा खुलेंगे, लेकिन आईआईटी की राह में मैथेमैटिक्स और फिजिक्स के नंबर बेहतर रैंक के समीकरण बिगाड़ सकते है। दरअसल एडवांस क्वालिफाई करने के बाद बेहतर रैंक हासिल करने में गणित सबसे अहम होगा। इसके बाद फिजिक्स के मा‌र्क्स रैंक्स डिसाइड करेंगे। अगर एग्जाम में आप इन दो सब्जेक्ट्स में बेहतर स्कोर करते हैं तो रैंक भी बेहतर होगी।

क्0 परसेंट मा‌र्क्स लाना अनिवार्य

जेईई एडवांस क्वालिफाई करने वाले कैंडिडेट्स को देशभर की आईआईटी और आईएसएम धनबाद सहित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएस) और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आईआईएसईआर) की सीट्स पर एडमिशन मिलेगा। यह सीट्स एडवांस की रैंक के आधार पर फिल की जाएंगी। लेकिन अगर आप सबसे बेहतरीन आईआईटी में जगह बनाने का 'गणित' लगा रहे हैं तो गणित सब्जेक्ट इसमें सबसे मददगार साबित होगा। रैंक तय करने में जहां मैथेमैटिक्स सबसे अहम होगा तो फिजिक्स के मा‌र्क्स भी डिसाइडिंग फैक्टर की तरह काम करेंगे। दरअसल, जहां मेंस क्लियर करने के लिए कैंडिडेट्स को सब्जेक्ट्स वाइज मा‌र्क्स के लिए मेहनत नहीं करनी होती, वहीं एडवांस में मैथेमैटिक्स, फिजिक्स और केमिस्ट्री तीनों सब्जेक्ट्स में मिनिमम क्0 परसेंट मा‌र्क्स लाना अनिवार्य है। इसके अलावा टोटल में फ्भ् परसेंट मा‌र्क्स आने पर ही आईआईटी का दरवाजा खुलेगा। ऐसे में कैंडिडेट्स को तीनों सब्जेक्ट्स पर फोकस करना बेहद जरूरी होगा। संपत्ति

मैथ और फिजिक्स होंगे खेवनहार

आईआईटी में भले ही तीनों सब्जेक्ट्स में बेहतर मा‌र्क्स जरूरी हों, लेकिन रैंक की बात करें तो मैथमैटिक्स और फिजिक्स निर्णायक की भूमिका में रहेंगे। एक्सप‌र्ट्स की मानें तो एग्जाम में बेहतर रैंक मैथमैटिक्स के मा‌र्क्स डिसाइड करेंगे। उदाहरण के तौर पर फ्म्0 नंबर के एडवांस के एग्जाम में अगर किन्हीं दो स्टूडेंट्स के मा‌र्क्स लगभग बराबर पाए जाते हैं तो रैंक का फैसला सबसे पहले मैथमैटिक्स के नंबर पर निर्भर करेगा। अगर मैथमैटिक्स में भी मा‌र्क्स बराबर है तो फिजिक्स के मा‌र्क्स जिस कैंडिडेट के ज्यादा पाए जाएंगे उसे रैंक भी बेहतर प्रदान की जाएगी। इसके बाद चाहे कैमिस्ट्री में नंबर कितने हो इन मा‌र्क्स का रैंक के उतार चढ़ाव पर कोई प्रभाव नहीं पडे़गा।

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अगर दो स्टूडेंट्स के का टोटल स्कोर ख्00 है लेकिन इंडीविजुअल सब्जेक्ट में एक स्टूडेंट मैथमैटिक्स में ज्यादा स्कोर करता है तो उस कैंडिडेट की रैंक दूसरे से ज्यादा होगी, चाहे उसके बाकी दो सब्जेक्ट में नंबर कम ही क्यों न हों।

- विपिन बलूनी, एमडी, बलूनी क्लासेज

मैथमैटिक्स के नंबर रैंक का फैसला करेंगे। इसके बाद फिजिक्स मा‌र्क्स का असर रैंक पर सेकेंडरी होगा। कैंडिडेट्स को चाहिए कि मैथमैटिक्स पर फोकस ज्यादा रखें। हजारों कैंडिडेट्स के मा‌र्क्स कई बार बराबर होते हैं ऐसे में मैथे सब्जेक्ट के मा‌र्क्स रैंक बेहतर करने में मददगार होंगे।

- वैभव राय, एमडी, वीआर क्लासेज

Posted By: Inextlive