पैसेंजर्स नहीं मिलने से घाटे में चल रही पिंक बस सेवा को उबारने के लिए पुरुष यात्री किए एलाऊ

अनुमति के पहले दिन कुल 25 पुरुष यात्रियों को लेकर लखनऊ से बनारस आई बस

VARANASI:

उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शुमार पिंक स्पेशल बस में महिला यात्रियों का अकाल है. हाल ये है कि किसी दिन दो यात्री तो किसी दिन एक भी महिला यात्री बस को नहीं मिलती है. करीब दो माह से संचालित बनारस-लखनऊ के बीच पिंक स्पेशल बस को घाटे से उबारने के लिए रोडवेज ने बस में जेंट्स को भी सफर करने की हरी झंडी दे दी है. गुरुवार को लखनऊ से 25 पुरूष यात्रियों को लेकर पिंक स्पेशल कैंट रोडवेज बस स्टेशन पहुंची. बस में महिलाओं की संख्या एक भी नहीं थी.

चालक पुरुष, परिचालक महिला

वाराणसी से लखनऊ के बीच महिलाओं के लिए विशेष तौर पर चलाई जाने वाली वातानुकूलित लक्जुरियस पिंक बस सेवा दो माह पूर्व शुरू हुई तो पहले दिन सात यात्री थे, जबकि यहां से छह यात्री इस बस से रवाना हुए. पिंक बस के साथ महिला परिचालक हर्षिता आईं. चालक पुरुष था. पिंक बस सेवा लखनऊ से सुबह सात बजे चलेगी, जो दोपहर में डेढ़ से दो बजे बनारस पहुंच रही है. दोपहर एक बजे वाराणसी से लखनऊ के लिए रवाना हो रही. दूसरी पिंक बस शाम साढ़े चार बजे चलाई जा रही है.

बीच में हैं कुल 14 स्टापेज

पिंक बस जौनपुर, रानीगंज, प्रतापगढ़, रायबरेली समेत कुल 14 स्थानों पर रुकते हुए लखनऊ के लिए जा रही है. इस रूट की महिला यात्रियों के लिए यह बस सहूलियत भरी होने का दावा किया गया है.

वाराणसी-लखनऊ के बीच किराया

स्टापेज किराया रुपये में

बाबतपुर 41

जौनपुर 112

मछली शहर 142

बादशाहपुर 194

रानीगंज 209

प्रतापगढ़ 211

मोहनगंज 255

लालगंज 289

सालन 333

रायबरेली 394

हरचंदपुर 407

बच्छाव 431

निगोह 454

मोहनलालगंज 481

लखनऊ 571

निर्भया फंड से चल रही बस

निर्भया फंड से यह पिंक बस महिला सुरक्षा के लिए विशेष तौर पर चलाई जा रही है. इसमें हर सीट के सामने पैनिक बटन है. किसी तरह की छेड़छाड़, मारपीट या अन्य असुरक्षा की स्थिति में पैनिक बटन दबाते ही रोडवेज के लिए विशेष तौर पर चलाई जा रही इंटरसेप्टर वैन को सूचना पहुंच जायेगी. इंटरसेप्टर वैन डायल 100 से अटैच होते हैं और इनका चक्रमण पिंक बस सेवा के रूट पर ही रखा गया है. ऐसे में किसी भी तरह की असुरक्षा की स्थिति में रोडवेज के अफसर व पुलिस थोड़ी देर में बस तक पहुंच जाएंगे.

शहर में भी पिंक ऑटो सेवा फेल

महिला सुरक्षा के लिए वाराणसी शहर में भी पिंक ऑटो सेवा साल 2016 में शुरू की गई थी. शुरू में 50 ऑटो चलाये गये, बाद में इनकी संख्या बढ़ाई गई. इसके लिए परमिट इसी शर्त पर दी गई कि इसमें केवल महिला यात्रियों को ही बैठाया जाना है. कुछ दिन के बाद ही ये ऑटो आम सवारी वाहनों की तरह चलने लगे. इसे लेकर आरटीओ की ओर से चेकिंग अभियान भी नहीं चलाया गया.

महिला यात्रियों के लिए यह बस सेवा प्रभावी है. महिलाओं की अनुपस्थिति में पुरूष यात्री भी सफर कर सकते हैं.

केके शर्मा, आरएम

Posted By: Vivek Srivastava