PATNA:पटना यूनिवर्सिटी के इतिहास में यह पहला मौका है जब सत्ताधारी पार्टी की ओर से विश्वविद्यालय स्तर के चुनाव को खुद के 'नाक का सवाल' बनाकर चुनावी बवंडर खड़ा किया गया है। जदयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर 'पीके' के सोमवार शाम पटना यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ रास बिहारी प्रसाद सिंह के साथ बैठक के बाद छात्र जदयू को छोड़ सभी छात्र संगठनों में आक्रोश जाग उठा। करीब चार घंटे से ज्यादा समय तक चली मीटिंग के बाद चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन, सत्ताधारी पार्टी की ओर से दबाव की राजनीति, वीसी और पीके के बीच बैठक को छात्र जदयू की रणनीतिक पहल आदि आरोप-प्रत्यारोप की बातें विश्वविद्यालय में गूंजने लगी। यहां तक कि इसका विरोध करने वाले छात्र-छात्राओं की गिरफ्तारी ने इस मामले को और तूल दिया।

हस्तक्षेप से मचा बवाल

पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव में पहली बार सत्ताधारी राजनीतिक पार्टी के हस्तक्षेप के कारण बवाल मचा हुआ है। सोमवार की शाम जदयू पार्टी उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और पटना यूनिवर्सिटी वीसी डॉ रास बिहारी प्रसाद सिंह के मुलाकात के बाद छात्र संघों में भारी आक्रोश के कारण मंगलवार राजनीति दिनभर गरमायी रही। जहां वाम लोकतांत्रिक गठबंधन ने इस मामले पर पीयू वीसी की बर्खास्तगी की मांग की है तो वहीं आम आदमी की छात्र इकाई सीवाईएसएस की ओर से इसे चुनाव 'फिक्स' करने की आरोप लगाया है। इसे लेकर दिनभर हाईवोल्टेज ड्रामा चलता रहा और पीके चुप्पी साधे रहे। हालाकि बाद में पीयू वीसी डॉ रास बिहारी प्रसाद सिंह ने स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की।

राज्यपाल से मांग, करें बर्खास्त

इस मामले को लेकर वाम लोकतांत्रिक गठबंधन ने मोर्चा खोलते हुए वीसी डॉ रास बिहारी प्रसाद सिंह को चुनाव का नतीजा पहले ही तय करने और चुनाव को प्रभावित करने का आरोप लगाते हुए राज्यपाल सह कुलाधिपति लालजी टंडन से बर्खास्तगी की मांग की। वहीं, सीवाईएसएस की ओर से तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मामले पर पीके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

गिरफ्तारी हो, एफआईआर हो

वहीं, पीरबहोर थाना में बांकीपुर विधायक नितीन नवीन सहित बीजेपी के नेता धरना देने पहुंचे। नितीन नवीन ने कहा कि यह सत्ता का दुरूपयोग है। इसका स्वत: संज्ञान लिया जाना चाहिए। उनके उपर एफआईआर दर्ज हो। यह चुनाव आचार संहित का उल्लंघन है।

हर पार्टी का बस एक ही सवाल आखिर क्यों गए थे पीके ?

सरकार एक तरफा कार्रवाई कर रही है। ऐसा कर चुनावी माहौल को खराब किया जा रहा है। अविलंब कार्रवाई हो।

-नितीन नवीन, विधायक बीजेपी

जदयू की ओर से एबीवीपी के कार्यालय पर छापेमारी की जा रही है। जबकि पीके मामले पर चुप्पी हो रही है।

-अरुण कुमार सिन्हा, विधायक, बीजेपी

छात्रों के संघर्ष को कुचला जा रहा है। सरकारी दमन की कार्रवाई और एकतरफा समर्थन का विरोध करते हैं।

-संजीव चौरसिया, विधायक, बीजेपी

पीके पर अविलंब कार्रवाई हो। यह सत्ता का दुरूपयोग किया है। पीके पर अविलंब कार्रवाई की की मांग करते हैं

-सुरज नंदन कुशवाहा, एमएलसी

मेरी मुलाकात उदय कांत मिश्रा से होनी थी। पीके से मिलने का मेरा कोई कार्यक्रम नहीं था। उन्होंने कुछ देर पहले फोन कर आने की बात कही थी।

-डॉ रास बिहारी प्रसाद सिंह, वीसी पटना यूनिवर्सिटी

Posted By: Inextlive