आईजी रेंज ऑफिस से लेकर सेंट्रल जेल तक दौड़ रही हरियाली एक्सप्रेस

नाम के साथ रोपे जा रहे पौधे, चार जिलों में पौधरोपण मुहिम को धार

VARANASI:

धरती से घटती हरियाली और बढ़ते कंक्रीट के जंगल ने पर्यावरण को मानो बांध के रख दिया है. लक्ष्य के सापेक्ष पौधरोपण कम और विकास के नाम पर पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से लगातार नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. हालांकि ऐसे समय भी कुछ लोग हैं जो पर्यावरण को लेकर काफी संवेदनशील हैं. इन्हीं में शामिल किया जा सकता है आईजी रेंज विजय सिंह मीणा का भी नाम. इन्होंने हरियाली को बचाए रखने के लिए एक अनोखी मुहिम छेड़ रखी है.

पुलिसकर्मियों के नाम पौधे

आई रेंज विजय सिंह मीणा ने अपने कार्यालय और आवास परिसर में अनगिनत पौधे रोपे हैं. यही नहीं वे इनकी देखभाल भी अपनी निगरानी में कराते हैं. इसके साथ ही मातहतों को भी इसके लिए प्रेरित करते हैं. आईजी रेंज कार्यालय में तैनात लगभग सभी पुलिस अधिकारियों व सिपाहियों के नाम से पौधरोपण किया गया है. यहां सिर्फ पौधे लगाने भर से ही छुट्टी नहीं मिलती. रोज डयूटी पर आते-जाते समय अपने-अपने पौधे में सिपाही पानी-खाद भी खुशी-खुशी देते हैं. जिन्होंने पौधे रोपे हैं उन पौधों के साथ संबंधित इंस्पेक्टर, सिपाही का नाम भी बोर्ड में दर्ज है. यदि कोई छुट्टी पर गया तो पौधों को पानी देने का प्रभार किसी अन्य साथी को सौंपकर ही जाता है. खैर, पौधों की सेहत का ख्याल रखने के लिए माली भी है लेकिन आईजी साहब की लगन को देख जवान इतने प्रेरित हुए कि वे खुद पौधों को समय देने लगे हैं.

बच्चे-पत्‍‌नी संग रोपे पौधे

पुलिस की व्यस्ततम नौकरी के बीच आईजी रेंज विजय सिंह मीणा बागवानी के लिए प्राय: समय निकाल ही लेते हैं. सुबह नहीं तो शाम को जरूर पौधों की देखभाल करते हैं. पत्‍‌नी, बच्चों संग आईजी रेंज ने अब तक सैकड़ो पौधे रोपे हैं. यही नहीं, कौन पौधा कहां लगना चाहिए इसके लिए बकायदा जगह का चयन भी करते हैं. आईजी साहब की लगन को देखते हुए उनके मातहत भी काफी जागरूक हो गए. फिर क्या था अब तो वाराणसी सहित रेंज के सभी चार जिलों में आईजी साहब के दिशा निर्देशन में हरियाली कायम रखने पर काम हो रहा है.

रेंज कार्यालय में दोगुने हुए पेड़

आईजी रेंज कार्यालय परिसर की हरियाली देखते ही बनती है. पिछले डेढ़ साल में यहां हरियाली दोगुना हुई है. आईजी साहब को बागवानी करते देख जिलों के कप्तान और सीओ इतने प्रभावित हुए कि वे खुद अपने-अपने जनपद-क्षेत्रों में हरियाली बढ़ाने पर काम करने लगे हैं. बिना किसी दबाव के इस समय बनारस, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर पुलिस लाइंस में भी हरियाली को लेकर संबंधित कप्तान, सीओ से लेकर थानेदार तक पौधरोपण कर रहे हैं.

शुद्ध हवा की चाहत है तो पौधों से दोस्ती करनी ही पडे़गी. पौधों को फैमिली में शामिल करना होगा. उनकी संतान की तरह देखभाल करनी होगी. तभी हम पर्यावरण संरक्षण में कामयाब हो सकेंगे. हर किसी को पौधा लगाना चाहिए.

विजय सिंह मीणा

आईजी रेंज

खंजर वाले हाथ रोप रहे पौधे

अमूमन जेल का नाम सुनकर मन में किसी अपराधी का ही ख्याल आता है. सेंट्रल जेल में कैदी भी पर्यावरण का संदेश दे रहे हैं. जेल अधीक्षक अंबरीश गौड़ की पहल पर कैदियों ने जेल के अंदर ही गार्डेन बनाया है. इसमें कैदी सुबह-शाम खाद-पानी देते हैं तो वहीं तरह-तरह के फल व छायादार पौधों की कमी पर जेल अधीक्षक का ध्यान भी आकृष्ट कराते हैं. जेल अधीक्षक भी बिना देर किए कैदियों को पौधे उपलब्ध कराते हैं. करीब 25 से 30 कैदियों ने बिना किसी दबाव के जेल को गार्डेन में बदल दिया है. लास्ट ईयर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब चंद्रशेखर आजाद प्रतिमा के लोकार्पण के लिए सेंट्रल जेल पहुंचे थे तो बागवानी देख खुश हो गए थे. तब उन्हे बताया गया था कि कैदियों ने बागवानी की पूरी साज-सज्जा की है.

समय निकाल ही लेते हैं

अंबरीश गौड़ भी मानते हैं कि पौधों के बिना जीवन सूखाग्रस्त है. जहां भी नौकरी पर रहे वहां पौधरोपण पर अधिक ध्यान दिया. जेल के अंदर और अपने आवास परिसर में भी पौधरोपण करते रहते हैं. डिप्टी जेलर डीपी सिंह भी पौधरोपण की मुहिम में अपना योगदान देते हैं. अपने आवास परिसर में सैकड़ो पौधे रोप चुके है.

जेल के अंदर कैदियों ने एक अच्छी बागवानी तैयार की है. गार्डेन में तरह के सुगंधित फूल से लेकर फलदार वृक्ष तक आपको मिलेंगे. समय मिलते ही पौधों की सेवा में हर कोई जुटा रहता है.

अंबरीश गौड़, जेल अधीक्षक

सेंट्रल जेल

Posted By: Vivek Srivastava