Lucknow: कंधे पर तौलिया बैग में कपड़े साबुन रखा और निकल पड़े. नहीं ये खिलाड़ी कहीं सफर या किसी टूर्नामेंट में हिस्सा लेने नहीं जा रहे बल्कि नहाने के लिए स्टेडियम से बाहर का रुख कर रहे हैं. यह किसी एक दिन का नहीं बल्कि प्लेयर्स के लिए यह रूटीन बन गया है.स्टेडियम की लाइट काट दिए जाने के कारण सिर्फ नहाने के लिए नहीं बल्कि पीने के लिए भी पानी नसीब नहीं हो रहा.

हर दिन 100 रुपए खर्च

एक खिलाड़ी को हर दिन भर में पचास से सौ रुपए सिर्फ पानी पर खर्च करना पड़ रहा है। कई खिलाड़ी तो घर लौटने की तैयारी में है। सभी प्लेयर्स ऐसे कंडीशन में नहीं हैं जो पानी पर हर दिन इतना खर्च कर सकें.

बिल न पे हो पाने से कटी बिजली

बिजली का बिल ना जमा हो पाने के कारण केडी सिंह बाबू स्टेडियम की लाइट काट दी गई। इसके चलते यहां संचालित होने वाले विभिन्न गेम्स हॉस्टल में रहने वाले प्लेयर्स का शेडयूल तक डिस्टर्ब हो गया है। गल्र्स के लिए यह और भी बड़ी समस्या है.

आइपीएल का मजा किरकिरा

खिलाडिय़ों के अनुसार आइपीएल का रोमांच भी वह मिस कर रहे हैं। पिछले दो दिन से उन्होंने एक भी मैच नहीं देखा है। इसके अलावा हॉस्टल में रहने वाले कई खिलाडिय़ों के पेपर भी चल रहे हैं। ऐसे में रात में पढ़ाई तो संभव ही नहीं हो पा रही है.

बाहरी खिलाड़ी भी ला रहे हैं पानी

लाइट ना आने के कारण यहां पर पानी की समस्या बहुत बड़ी हो गई है। सिर्फ हॉस्टल के खिलाडिय़ों को ही नहीं बल्कि यहां रुटीन प्रैक्टिस पर आने वाले खिलाड़ी तक परेशान हैं। कई खिलाडिय़ों ने घर से पानी लाना शुरू कर दिया है तो कई खिलाड़ी यहां आस-पास के होटल पर मिलने वाली मिनरल वाटर बॉटल खरीदने को मजबूर हैं।

ग्राउंड पर नहीं पड़ रहा है पानी

बिजली ना आने से केडी सिंह बाबू स्टेडियम का ग्राउंड भी खराब होता जा रहा है। गर्मियों में ग्राउंड को मेनटेन रखने के लिए पानी डालना जरूर है। लेकिन पिछले दो दिन से पानी नहीं डाला जा सका है।

दनादन हो रहे हैं स्वीमिंग में एडमीशन

रीजनल स्पोट्र्स ऑफिस के अनुसार डेली बीस से तीस फार्म एडमीशन के बेचे जा रहे हैं। इतना ही नहीं लोग स्वीमिंग की फीस जमा भी कर दे रहे हैं। जब से इस सीजन में बाल तरणताल खोलने की घोषणा हुई तो लगातार लोग एडमीशन लेने आ रहे हैं। एक अप्रैल से अब तक 200 बच्चों के एडमीशन किए जा चुके हैं। ये लोग रोज पूल से आकर लौट जाते हैं.

स्टेडियम में संचालित होने वाले हॉस्टल

ब्वायज- हॉकी और स्वीमिंग

गर्ल्स- हॉकी, जिम्नास्टिक, वॉलीबॉल, एथलेटिक्स,

ब्वायज की संख्या-45

गर्ल्स की संख्या- 75

क्या क्या हैं मुश्किलें

- नहीं मिल रहा है पीने का पानी

- मार्केट से मिनिरल वॉटर की बोतल लेकर बुझा रहे है प्यास

- नहाने के लिए दूसरों के घरों का रुख कर रही हैं गल्र्स

- नहीं भर पा रहा है पूल में पानी

- मिस कर रहे है आईपीएल मैच

-नहीं कर पा रहे हैं पेपर की तैयारी

इन गेम्स की रोज होती है प्रैक्टिस

हॉकी, एथलेटिक्स, जिम्नास्टिक, हैंडबाल, क्रिकेट, वॉलीबाल, ताइक्वांडो, बैडमिंटन, वेटलिफ्टिंग, बॉक्सिंग,

क्या कहते हैं डायरेक्टर

यूपी स्पोटर्स के डिप्टी डायरेक्टर डा आरपी सिंह कहते हैं कि शासन तक को मामले को जानकारी दे दी गई है। लगभग छह लाख रुपए का बिल बाकी है। जब बजट आएगा तभी बिल जमा हो पाएगा। फिलहाल अभी तक बिल का भुगतान नहीं हो सका है और स्टेडियम की बिजली कटी हुई है. 

Posted By: Inextlive