Allahabad : देश में स्तन कैंसर की बीमारी बड़ी समस्या बन चुकी है. महिलाओं को इसकी जानकारी अर्ली स्टेज पर न होना व समय से उपचार न मिल पाना इसका बड़ा कारण है. महिलाएं शर्म और संकोच के चलते अपनी बात डॉक्टर के सामने नहीं रख पाती हैं. इंडियन मीनोपॉज सोसायटी की ओर से ऑर्गनाइज एक सेमिनार के दौरान आईवीएफ एक्सपर्ट डॉ वंदना बंसल ने कहा कि इस क्षेत्र में अधिक जागरूकता की आवश्यकता है. इसके लिए सोसायटी की ओर से लगातार कोशिशें की जा रही हैं.


बीमारी के लक्षणों को पहचानें
एसजीपीजीआई लखनऊ के प्रो। गौरव अग्रवाल ने स्तन कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अगर शुरुआती लक्षणों के बारे में पता हो तो समय रहते इलाज संभव है और इससे पेशेंट को नया जीवन दिया जा सकता है। उन्होंने स्तन कैंसर के लक्षणों के पहचानने के तरीके भी बताए। यह भी बताया कि किस प्रकार इस जानलेवा रोग से निजात पाई जा सकती है। बताया कि प्रथम दृष्टया पहचान के बाद उसकी रोकथाम के लिए सर्जरी ही एकमात्र उपाय है। इसके बाद रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी के माध्यम से डॉक्टर मरीज का जीवन बचाने की कोशिश करते हैं। इसके पहले डॉ। बंसल ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान पर जोर देते हुए कहा कि हमें इस दिशा में सफलता के लिए खुद पहल करनी होगी। कैंसर विशेषज्ञ डॉ। बीके मिश्रा ने मेडिकल रेडिएशन विषय पर स्पीच दी। चीफ गेस्ट जस्टिस पूनम श्रीवास्तव ने सेमिनार का इनॉगरेशन किया। सेमिनार के दौरान स्तन कैंसर के साथ दर्द, कड़ापन, गांठ व ट्यूमर, निपल से रिसाव, तरल पदार्थ का रिसना आदि विषयों पर भी चर्चा की गई। डॉ। अंजुला सहाय व डॉ। शांति चौधरी ने प्रोग्राम का संचालन किया। डॉ। एके बंसल ने धन्यवाद ज्ञापित किया। मौके पर सोसायटी की ओर से वर्षा अग्रवाल, डॉ। ममता सिंह, डॉ। मधुरिमा श्रीवास्तव, डॉ। सुमति सक्सेना आदि मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive