वियतनाम के प्रेसीडेंट नुएन तन जुग के साथ बातचीत में भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी ने तेल एवं रक्षा क्षेत्र में योगदान बढ़ाने पर सहमति जताई है. इसके साथ ही दोनों पक्षों ने सात समझौतों पर हस्‍ताक्षर किए.


तेल एवं रक्षा क्षेत्र में सहयोगवियतनाम के राष्ट्रपति नुएन तन जुग ने अपनी भारत यात्रा में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इस मुलाकात में दोनों पक्षों ने चीनी आपत्तियों को दरकिनार करते हुए तेल एवं रक्षा क्षेत्र में एक दूसरे का सहयोग देने का वादा किया. इसके साथ ही भारत और वियतनाम के बीच सात अन्य समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. गौरतलब है एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत के लिए वियतनाम के साथ अच्छे संबंध बेहद महत्वपूर्ण हैं. ओवीएल और पेट्रोवियतनाम में समझौता
वियतनाम के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान ओएनजीसी विदेश लिमिटेड एवं पेट्रोवियतनाम के बीच वियतनाम में नए तेल एवं गैस ब्लॉकों के लिए समझौता हुआ है. इससे पहले वियतनाम भारत सरकार को पांच तेल ब्लॉकों में तेल की खोज करने का प्रस्ताव दे चुका है. द्विपक्षीय वार्ता के बाद भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राजग सरकार ने सत्ता संभालने के साथ एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत के संबंधों को बढ़ाने पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र भविष्य के लिए काफी जरूरी है और हमारे प्रयासों में वियतनाम सबसे पहले है. वियतनाम को नौसेना पोतों की बिक्री


दोनों देशों के उच्चाधिकारियों के बीच हुई इस मीटिंग में भारत की ओर से वियतनाम को नौसैनिक पोत दिया जाना भी तय हुआ है. गौरतलब है कि इन नौसैनिक पोतों से वियतनाम विवादित तेल क्षेत्रों की निगरानी रख सकेगा. इसके साथ ही भारत सरकार ने वियतनाम की रक्षा और सुरक्षा बलों के आधुनिकीकरण के लिए भी कमिटमेंट जाहिर किया. इसमें ट्रैनिंग प्रोग्राम, जॉइंट एक्सरसाइज और डिफेंस मेकेनिज्म में आधुनिकीकरण शामिल है.

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Posted By: Prabha Punj Mishra