वैसे तो अपनी लंदन यात्रा के दौरान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असहिष्णुता के मुद्दे पर अपने विचार जाहिर किए थे पर पूरे तौर अपनी खामोशी को खत्म करते हुए द इकोनॉमिस्ट पत्रिका को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने स्पष्ट किया है कि भारत में जबरदस्त सामाजिक ताकत और बहुलतावाद है।


सरकार के 18 महीने पूरे होने पर कहा लोगों को इस सरकार से उम्मी्दें हैंहाल ही लंदन यात्रा के दौरान असहिष्णुता के मुद्दे पर चुप्पी तोड़ने के बाद पीएम मोदी ने अब 'द इकोनॉमिस्ट' के लेख में इस ओर अपना और सरकार का पक्ष रखा है। देश में बढ़ती असहिष्णुता के विवाद को लेकर पीएम मोदी ने लिखा है कि भारत में जबरदस्त सामाजिक ताकत और बहुलतावाद है। 'द इकोनॉमिस्ट मैगजीन' में छपे लेख में केंद्र सरकार के 18 माह पूरा होने पर पीएम मोदी ने कहा कि लोगों को उनसे और उनकी सरकार से बड़ी उम्मीदें हैं। असहिष्णुता के मुद्दे पर आलोचनाओं के बीच हाल के दिनों में यह दूसरा मौका है, जब पीएम ने विविधता और बहुलवाद से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की।आज बाजार में आया पत्रिका का अंक


पीएम मोदी द्वारा प्रतिष्ठित मैगजीन में लिखे लेख के कुछ अंश को मैगजीन के पेरिस स्थित बिजनेस संवाददाता ने ट्वीट किए हैं। मैगजीन के ताजा अंक के मेन पेज पर 'द वर्ल्ड इन 2016' शीर्षक के साथ मोदी सहित दूसरे वैश्विक नेताओं के कार्टून प्रकाशित किए गए हैं। मोदी ने इस विशेष अंक के एशिया एडिशन में यह लेख लिखा है, जो गुरुवार को बाजार में आ जाएगा। मोदी ने लेख में कहा है, 'भारत में बहुलतावाद सहित बहुत सामाजिक मजबूती है।' मैगजीन के विशेष हिस्से में मोदी के अलावा आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टियन लगार्डे और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई सहित अन्य ने योगदान दिया है। प्रधानमंत्री ने अगले सप्ताह 18 माह पूरे करने वाली उनकी सरकार से लोगों की उम्मीदों का जिक्र करते हुए लिखा है, 'हमारी सरकार से बहुत उम्मीद की भावना है। निस्संदेह, कुछ उम्मीदें हमसे आगे हैं।'विश्व को भारत से सीख लेने को कहा काम करने के अपने 'सबका साथ, सबका विकास' के रुख की बात करते हुए उन्होंने दावा किया कि सबूत बताते हैं कि 'स्वच्छ भारत अभियान' और 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान स्वच्छता और लैंगिक समानता में आमूलचूल बदलाव ला रहे हैं। पीएम ने जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को लेकर विकसित देशों पर निशाना साधा और कहा कि दुनिया को संरक्षण के मामले में भारत की पुरानी परंपराओं से सीख लेनी चाहिए।पर्यावरण पर भारत के प्रभाव का भी जिक्र

लेख में प्रधानमंत्री ने पर्यावरण पर भारत के विकास के असर की भी बात की है। उन्होंने पेरिस में जलवायु परिवर्तन सम्मेलन से पहले कहा, 'हम सचेत हैं कि हमारे विकास का पर्यावरण पर कुछ असर हो।' मोदी ने अपने लेख में कहा कि हम २०१६ की तरफ बढ़ रहे हैं और उन पर जो भरोसा किया गया है, उसे पूरा करने के लिए वह सजग हैं। प्रधानमंत्री ने लेख में कहा, 'सवा अरब भारतीयों की सफलता और इसलिए पूरी मानवता का बेहतर भविष्य दांव पर है।'

inextlive from India News Desk

Posted By: Molly Seth