देश में पहली बार एक ऐसे शहर की नींव रखी जा रही है जो बाकी शहरों से सबसे अलग होगा। तेलंगाना के गठन के बाद राजधानी बनाए जाने वाले अमरवाती शहर को मॉर्डन और स्‍मार्ट बनाया जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी आज इसका शिलान्‍यास कर दिया है।

लाखों लोग हुए शामिल
पीएम मोदी ने आंध्रप्रदेश की नई राजधानी अमरावती की आज आधारशिला रखी। इस ऐतिहासिक अवसर का गवाह बनने के लिए लाखों की संख्या में लोग शामिल हुए। पीएम ने इससे पहले अमरावती पैवेलियन को देखा जिसमें आंध्रप्रदेश की समृद्ध विरासत को दिखाया गया था। इस मौके पर देश ही नहीं विदेश के गणमान्य लोग भी पहुंचे। इस मौके पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव आंध्र और तेलंगाना के गवर्नर ईएसएल नरसिंहन तमिलनाडु के गवर्नर के रोसैया और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हुए इसके अलावा सिंगापुर और जापान के मंत्री भी शामिल हैं। आयोजन की खास बात ये थी कि जिन किसानों ने राजधानी बनाने के लिए अपनी जमीन दी है उनके सम्मान में अलग पैवेलियन बनाया गया था। राजधानी अमरावती को बनाने के लिए देश के करीब 1600 जगहों से मिट्टी और पानी लाया गया था।

कैसी होगी नई अमरावती

राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने अमरावती को नया स्वरूप देने के लिए 32,000 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया है। कृष्णा नदी के किनारे विजयवाड़ा-गुंटूर क्षेत्र में नई राजधानी के लिए जमीनें ली गई हैं। इस तरह शहर की कुल जमीन 50,000 एकड़ हो गई। वैसे अमरावती विजयवाड़ा और गुंटूर जैसे शहरों के बीच में आता है। ये शहर नई राजधानी के डेवलपमेंट में कैटेलिस्ट की भूमिका निभा सकते हैं। अमरावती से सटे चार नेशनल हाईवे, एक नेशनल वाटर हाईवे, रेलवे का ग्रैंड ट्रंक रूट, तेजी से बढ़ते एयरपोर्ट और एक सीपोर्ट है। जिससे कि इस शहर को और मॉर्डन बनने में फायदा मिलेगा।

लैंड पूलिंग योजना

गौरतलब है कि भारत में यह पहला मौका है जब कोई राजधानी इस तरह लैंड-पूलिंग योजना के तहत बसाई जा रही है। योजना के मुताबिक, जमीन के मालिकों को जमीन के विकास और उसकी कीमत बढ़ जाने के बाद उसमें हिस्सा मिलेगा। यही नहीं इन किसानों से अपनी कृषि योग्य जो भी जमीन दी थी, उसका लगभग 30 परसेंट हिस्सा उन्हें शहर की मंहगी जमीन के तौर पर वापस मिल जाएगा।

सिंगापुर की तर्ज का मास्टर प्लॉन

राज्य सरकार इस नए शहर को विश्वस्तरीय बनाना चाहता है। इसके लिए चंद्रबाबू नायडू ने कई देशों से सहयोग मांगा है। जिसमें कि जापान, चीन, सिंगापुर और मलेशिया शामिल हैं। हालांकि सिंगापुर की कुछ सरकारी एजेंसियों ने इस पूरे कार्यक्रम का मास्टर प्लॉन तैयार करने में कदद भी की है। आंध्र प्रदेश में नई राजधानी को पूरे नए सिरे से बसाने का मन बना लिया है। फिलहाल उम्मीद की जा रही है कि, यह नई राजधानी 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगी।
ऐतिहासिक महत्व
ऐतिहासिक, राजनीतिक, धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत के नाम पर इस शहर का नाम आता है। यहां भगवान शिव को समर्पित अमरेश्वर मंदिर है तो बौद्ध धर्म से जुड़े प्रतीक और स्तूप भी शहर के समृद्ध इतिहास का हिस्सा है। यह अमरावती शहर ही है जहां से महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं का प्रसार सुदूर पूर्व के मुल्कों तक हुआ। इसके साथ करीब 2000 साल पहले राजधानी का दर्जा खोने वाले अमरावती को पुनः राजधानी का दर्जा प्राप्त हो जाएगा। अमरावती में चीनी यात्री ह्वेनसांग भी आया था। ह्वेनसांग ने अमरावती के बौद्ध विहार और स्तूपों का शानदार वर्णन किया है।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari