Patna: नगर निगम के कामों से आधे से ज्यादा पटनाइट्स नाखुश हैं. पिछले कई दिनों से हमने शहर की हर उस प्रॉब्लम को उठाने की कोशिश की जिससे कॉमन मैन को दो-चार होना पड़ता है.


कहीं नहीं होता कोई भी काम
बिजली, पानी, सड़क, नाला, साफ-सफाई को लेकर पटनाइट्स का हमेशा ही रोना रहता है कि फलां मोहल्ले में सफाई नहीं होती, तो फलां मोहल्ले में पीने का पानी ही नहीं आ रहा। यूं तो किसी का भी रिजल्ट 60 परसेंट आता है, तो वह फस्र्ट डिवीजनर कहलाता है। मतलब कि उसके कामों पर ज्यादा अंगुली नहीं उठती है और उससे बेहतर काम करने की अपेक्षा की जाती है। पर, आई नेक्स्ट के पास जो रिजल्ट आया है, वह तो थोड़ा अजीब है। पटना नगर निगम के कामों को लेकर पूछे गए हमारे सात सवालों में 60 परसेंट लोगों ने लगभग एक ही जवाब दिया है, पर जवाब पूरी तरह से निगेटिव है। ऐसे में उम्मीद की कोई भी किरण नहीं दिखती कि नगर निगम से किसी भी तरह की अपेक्षा की जाए। सफाई से लेकर फॉगिंग, स्ट्रीट लाइट से लेकर मैनहोल, सप्लाय वाटर से लेकर वाटर लॉगिंग, किसी भी मामले में नगर निगम दुरुस्त नहीं है। मच्छर ने हड़प ली है नींद


60 परसेंट पटनाइट्स ने माना है कि अगर नगर निगम का यही हाल रहा, तो आने वाले कुछेक सालों बाद जो टैक्स देते भी हैं, वो देना छोड़ देंगे। सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि फॉर्म भरने से पहले हर किसी ने कहा कि उनके एरिया की हालत और भी खराब है। इन्हें कागजों पर बयां नहीं किया जा सकता है। इन लोगों ने यह भी बताया कि किस तरह से उनके एरिया में चलना भी दुश्वार हो गया है। यही नहीं, कई लोगों ने बताया कि किस तरह से मैनहोल में आए दिन लोगों के गिरने की खबर आते रहती है। सैकड़ों लोगों की शिकायत के बाद भी मैनहोल बंद नहीं होता। मच्छर ने तो लोगों की नींद हड़प ली है, बावजूद इसके किसी भी इलाके में फॉगिंग नहीं होती है। हमारी प्रॉब्लम सुनता कौन है?

नगर निगम के रवैये से खफा पटनाइट्स ने कहा कि अगर हर एरिया की मेन प्रॉब्लम को भी निगम दूर कर भी दे, तो कई सारी प्रॉब्लम अपने आप दूर हो सकती है। फॉर्म भरते समय शशि शर्मा ने बताया कि किस तरह से मैनहोल और कचरे की वजह से आशियाना नगर की हालत खराब रहती है। वहीं, राजेंद्र नगर के कुमार सौरभ ने बताया कि वाटर लॉगिंग और सफाई की व्यवस्था नहीं होने से सुबह और शाम भारी परेशानी आती है, जबकि अशोक राजपथ पर कचरे की ढेर की वजह से बारह बजे तक जाम लगा रहता है। पाटलिपुत्रा कॉलोनी की मिली सरकार कहती हैं कि सही पूछिए तो मैं नगर निगम को ओवर ऑल सौ में पांच माक्र्स दूंगी। हमारे एरिया में वाटर लॉगिंग तो बारहों महीने वाली प्रॉब्लम बन गई है, जिसका कोई सॉल्यूशन ही नहीं।  हर एरिया की स्पेशल प्रॉब्लम बुद्धा कॉलोनी पार्क के पास पांच सालों से कचरा फेंका रहता है। दलदली रोड पर वाटर लॉगिंग, अशोक राजपथ पर बेतरतीब फेंका हुआ कचरा, पटना सिटी में सप्लाय वाटर की प्रॉब्लम, आशियाना नगर में लिकेज की प्रॉब्लम, पुनाईचक में कचरा प्रॉब्लम, गर्दनीबाग में खुला मैनहोल और स्ट्रीट लाइट की प्रॉब्लम, कंकड़बाग में खुले नाले की प्रॉब्लम, बोरिंग रोड और पाटलिपुत्रा में कचरा प्रॉब्लम और वाटर लॉगिंग, राजापुर पुल में कचरा प्रॉब्लम, राजाबाजार में मच्छर और वाटर लॉगिंग, बेली रोड में पार्किंग और यूरिनल की प्रॉब्लम तो आम है। इस तरह हुआ सर्वे शहर के प्रोफेसर, ऑफिसर और आम शहरी ने इस सर्वे में भाग लिया। इन लोगों ने बताया कि किस तरह से वे नगर निगम के कामों से असंतुष्ट हैं। पटनाइट्स से हमने साफ-सफाई, वाटर लॉगिंग, स्ट्रीट लाइट, पार्किंग, यूरिनल, सप्लाय वाटर और फॉगिंग पर सवाल किए।1. क्या आपको लगता है नगर निगम शहर की साफ-सफाई पर ध्यान देता है?
क। बिल्कुल नहीं: 60
ख। सैटिस्फाइड हैं : 38ग। थोड़ा-बहुत। : 222. वाटर लॉगिंग दूर करने में कितना सफल है निगम ? क। बिल्कुल नहीं। : 56ख। थोड़ा-बहुत। : 44ग। हां : 03. आपके मोहल्ले की स्ट्रीट लाइट जलती है? क। हां। : 18ख। नहीं। : 34ग। कहीं-कहीं। : 484. शहर में पार्किंग की व्यवस्था सही है? क। बिल्कुल नहीं। : 16ख। कुछ जगह। : 56ग। हां। : 285. शहर में यूरिनल की व्यवस्था से आप सैटिस्फाईड हैं?क। नहीं। : 56ख। थोड़ा-बहुत। : 36ग। हां। : 86. आपके घरों तक साफ पानी पहुंच रहा है? क। नहीं.  72ख। सप्लाई पानी पीते हैं। : 26ग। हां। : 27. आपके इलाके में फॉगिंग होती है?क। नहीं। : 62ख। कभी-कभी। : 38ग। हां। : जीरो

Posted By: Inextlive