PATNA : भागवत नगर तो नहीं हट पाया लेकिन अब इसको बसाने वालों पर गाज गिरने वाली है. निगम के ऐसे ऑफिसर्स और स्टाफ्स की लिस्ट तैयार हो रही है जिन्होंने यहां पर घर बनाने की परमिशन दी थी. यही नहीं जहां से नक्शा पास किया गया या फिर जिस सीओ ऑफिस से मोटेशन या दाखिल खारिज किया गया है ऐसे किसी भी ऑफिसर या स्टाफ्स को नहीं बख्शा जाएगा. उस पर कार्रवाई होनी है.


नगर निगम लेवल पर डिप्टी कमिश्नर राधा मोहन प्रसाद के नेतृत्व में तीन मेंबर्स की टीम गठित की गई है। टीम में राधा मोहन प्रसाद के अलावा नगर सचिव चंद्रशेखर आजाद और विजिलेंस ऑफिसर हरिशंकर प्रसाद कुशवाहा शामिल हैं। टीम पुराने कागजात और नक्शा की तहकीकात कर रही है। दरअसल भागवत नगर मसले पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद चीफ सेक्रेटरी लेवल से नगर निगम और डीएम ऑफिस को लेटर दिया गया है। इसमें उस एरिया पर रोक के बावजूद कंस्ट्रक्शन की परमिशन देने वालों की लिस्ट तैयार करना और उसके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है। कई ऑफिसर्स पर गिरेगी गाज
जांच में कई स्टाफ्स और ऑफिसर्स के फंसने की संभावना है। दरअसल भागवत नगर को खाली कराने के मसले पर एडमिनिस्ट्रेशन की टीम पहुंची भी तो वो सफल नहीं हो पायी। अब इसका खामियाजा ऐसे स्टाफ्स और ऑफिसर्स को भुगतना पड़ेगा, जिन्होंने भागवत नगर को बसाया है। सोर्सेज की मानें तो जांच रिपोर्ट दस-पंद्रह दिनों के अंदर तैयार हो जाएगी। नगर निगम और डीएम ऑफिस में डाक्यूमेंट्स को लेकर चर्चा गर्म है।

Posted By: Inextlive