-पीएमसीएच में कर्मचारियों की नहीं हो रही है नियुक्ति, लंबे समय से पद खाली

PATNA: पटना मेडिकल कॉलेज से हर किसी की आस जुड़ी है लेकिन मेडिकल कॉलेज का ब्लड बैंक खुद मदद की राह देख रहा है। यहां खून की कमी नहीं है लेकिन कर्मचारियों की कमी सिस्टम पर भारी पड़ रही है। पटना मेडिकल कॉलेज का ब्लड बैंक 24 घंटे मरीजों को राहत देने के लिए बनाया गया लेकिन व्यवस्था में सुधार नहीं होने से यह उद्देश्य में सफल नहीं हो पा रहा है। मानक से 50 प्रतिशत कर्मचारियों की कमी है और जब तक इसकी पूर्ति नहीं होती है वहां तैनात स्टाफ की परेशानी के साथ मरीजों को भी राहत मिलने वाली नहीं है।

दिन प्रतिदिन बिगड़ रही दशा

बिहार का सबसे बड़ा ब्लड बैंक पीएमसीएच में स्टाफ की कमी की वजह से स्थिति बदतर होती जा रही है। पटना में सरकारी ब्लड बैंक की हालत ऐसी खराब नहीं होती यदि कर्मचारियों को लेकर जिम्मेदारों ने गंभीरता दिखाई होती। यहां पूरे प्रदेश के मरीजों का लोड रहता है लेकिन व्यवस्था इसके बाद भी सुधरने का नाम नहीं ले रही है। पटना और आस पास जिलों के साथ प्रदेश के दूर दराज से भी लोग इलाज कराने आते हैं और ब्लड के लिए उन्हें भटकना पड़ता है।

ऐसे कम होते गए स्टाफ

पटना मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक में नए कर्मचारी नहीं आए। यहां से ट्रांसफर गए कर्मचारियों की जगह जो खाली हुई उसकी भरपाई नहीं हो पाई। जगह की भरपाई नहीं होने से धीरे धीरे स्टाफ कम होते गए। हमेशा से यही समस्या आ रही है जिसका मुद्दा भी उठता रहा लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। ब्लड डोनेशन करने वालों ने भी कई बार इस मामले को उठाया लेकिन प्रशासनिक स्तर पर इसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई।

स्टाफ की कमी है लेकिन इसे पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। मैन पावर कम होने के बाद भी 24 घंटे व्यवस्था चलती है। प्रयास किया जा रहा है जल्द से जल्द कर्मचारियों की तैनाती का प्रयास किया जाएगा।

-डॉ राजीव रंजन, सुपरिटेंडेंट पटना मेडिकल कॉलेज

Posted By: Inextlive