- मजहर अली शाह मेमोरियल ऑल इंडिया मुशायरे में जुटे देश के महान शायर और कवि

- पद्मश्री निदा फाजली, प्रो। वसीम बरेलवी, राहत इंदौरी के साथ दिग्गज शायरों ने पेश किए कलाम

- वहीं सिटी के लिए अहम योगदान करने वाली पर्सनालिटी को किया गया सम्मानित

GORAKHPUR : 'बच्चा बोला देखकर मस्जिद आलीशान, अल्लाह तेरे एक को इतना बड़ा मकान' शायरी की दुनिया में अहम मुकाम हासिल कर चुके पद्मश्री निदा फाजली का यह कलाम सैटर्डे को लोगों के दिलों में घर कर गया। मौका था, स्टार चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से ऑर्गेनाइज ऑल इंडिया मुशायरा और कवि सम्मेलन का, जहां एक के बाद एक दिग्गज शायर और कवियों ने हाजरीन को शेर-व-शायरी और कविताओं की दुनिया में कुछ यूं डुबो दिया कि उन्हें होश में आने की ख्वाहिश ही नहीं रही। देर रात तक जमी इस महफिल में शायरों ने एक से बढ़कर एक कलाम पेश किए। वहीं मौजूद लोगों ने उनकी हौसला अफजाई में भी कोई कसर नहीं छोड़ी।

जंग हो या इश्क भरपूर होना चाहिए

'फैसला जो कुछ भी हो मंजूर होना चाहिए, जंग हो या इश्क भरपूर होना चाहिए.' मशहूर शायर राहत इंदौरी के इस कलाम ने न सिर्फ लोगों की वाहवाही लूटी बल्कि पूरा इस्लामियां इंटर कॉलेज का मैदान तालियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा। 'याद आ जाती है परदेश गयी बहनों की, झुंड चिडि़या का आंगन में जब उतर आता है' मंजर भोपाली के इस मिसरे ने जहां लोगों को झकझोरा, वहीं अफजल मंगलौरी के शेर 'ये धर्म के नाम पर नफरतें, ये हरम की दैर की जंग क्यूं? न तेरा खुदा कोई और है, न मेरा खुदा कोई और है' ने धर्म के नाम पर लड़ाने वालों को एक मैसेज दिया।

ठहाकों की भी सजी महफिल

एक तरफ जहां शायर और कवियों ने सीरियस बातों को भी नज्म और गजल के तौर पर पेश किया। वहीं इस मुशायरे में ठहाकों का दौर भी चला। हास्य व्यंग के कवि सर्वेश अस्थाना ने अपनी कविता 'किसी गिरगिट की नेता से तुलना करना महापाप है, क्योंकि रंग बदलने के मामले में नेता गिरगिट का बाप है' में नेताओं को टारगेट पर लिया। वहीं सुनील कुमार तंग ने भी उन्हें ही निशाना बनाते कहा कि 'एक मंजिल के मुसाफिर हैं यकीनी हम तुम बस वहीं जा के ठहर जाएंगे जाते-जाते, ये अलग बात है हम भूख से मर जाएंगे तुम भी मर जाओगे इस मुल्क को खाते-खाते। इसके अलावा अना देहलवी, अनवर जलालपुरी, डॉ। विष्णु सक्सेना, डॉ। मेहताब आलम, नसीम निकहत के साथ कई और शायर और कवियों ने अपने कलाम पेश किए।

सैटर्डे को देर शाम से जमी महफिल

स्टार चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से ऑर्गेनाइज मजहर अली शाह मेमोरियल ऑल इंडिया मुशायरे की शुरुआत सैटर्डे देर शाम से हुई। इसमें देश के नामी गरामी शायरों के कलाम तो पेश किए ही, साथ ही सिटी के लिए कुछ बेहतर काम करने वाले लोगों को सम्मानित भी किया गया। प्रोग्राम के चीफ गेस्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज कलीमुल्लाह खान रहे। प्रोग्राम की अध्यक्षता यूपी के पूर्व डीजीपी रिजवान अहमद ने की। इस दौरान डॉ। मुनीर आलम को स्टार मेडिकल एक्सीलेंस अवार्ड, हबीब अहमद को लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड, राकेश त्रिपाठी को स्टार डिसिप्लिन अवार्ड, सुरेंद्र काले को स्टार हिंदी साहित्य अवार्ड, डॉ। रविंद्र श्रीवास्तव को स्टार भोजपुरी साहित्य अवार्ड, प्रेम माया को स्टार स्पो‌र्ट्स अवार्ड और अख्तर अली को स्टार सामाजिक उत्थान अवार्ड से नवाजा गया। इनॉगरल सेशन का संचालन कलीम कैसर ने किया।

Posted By: Inextlive