RANCHI: 16 जनवरी, 2017 को डीजीपी डीके पांडेय ने मोरहाबादी स्थित आर्यभट्ट सभागार में शहर के लोगों को सुरक्षा का आश्वासन देते हुए पुलिस आपके द्वार कार्यक्रम की शुरुआत की थी ताकि लोग खुद को सुरक्षित समझें और भयमुक्त वातारण में रह सकें। बड़े तामझाम के साथ इसकी शुरुआत शहर के 20 मोहल्लों में एक साथ की गई। इस मौके पर डीजीपी डीके पांडेय ने कहा कि आज का दिन रांची और झारखंड की सुरक्षा के लिए माइल स्टोन साबित होने वाला है। सुरक्षा की दृष्टि से शुरु की गई यह पहल ठीक से अपने दो साल भी पूरे नहीं कर पाई है। पुलिस आपके द्वार कार्यक्रम धीरे-धीरे फाइलों में दफन होता जा रहा है। सारे दावे फेल हो गए हैं और पुलिस अब जनता के द्वार तक जाना बंद कर चुकी है। क्राइम के बढ़ते आंकड़े साफ कर रहे हैं कि लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

अफसर के बदलते ही अभियान बंद

पुलिस विभाग में जब भी अधिकारियों का तबादला होता है उसके साथ ही उनके द्वारा चलाए जा रहे सारे कार्यक्रम भी ठप्प हो जाते हैं। पुलिस आपके द्वार कार्यक्रम की शुरुआत इसलिए की गई थी कि पुलिस और पब्लिक मिलकर समस्याओं का समाधान करेंगे। इसके लिए शक्ति कमांडो और बीट अफसर को ट्रेनिंग दी गई। पुलिस व मोहल्ला समिति के साथ दोस्त बनकर अपराधियों में खौफ पैदा करने की योजनाएं बनाई गई। लेकिन जैसे ही अधिकारियों की पूरी टीम धीरे-धीरे बदलती गई सारे के सारे कार्यक्रम फेल होकर रह गए।

शक्ति कमांडो व बीट अफसर नदारद

महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए शक्ति कमांडो को ट्रेनिंग दी गई ताकि वो स्कूल-कॉलेज और मोहल्लों की लड़कियों-छात्राओं की दोस्त बनकर उनकी सुरक्षा करेंगी। इसके लिए 47 बीट अफसर, 40 शक्ति कमांडो और 10 महिला अफसरों को तीन दिनों की स्पेशल ट्रेनिंग दी गई है। लेकिन पिछले एक साल से किसी स्कूल-कॉलेज के सामने इक्का-दुक्का बार ही शक्ति कमांडोज को देखा गया है।

क्या था प्लान, क्या हुआ अंजाम

जनसहभागिता से क्राइम कंट्रोल के लिए प्रत्येक मोहल्ले में एक समिति बनाने का निर्णय लिया गया है। आम लोगों के साथ बीट अफसर और शक्ति कमांडो के जवानों को जोड़ना था। साथ ही डीएसपी स्तर के अधिकारियों को मोहल्ला समिति पर नजर रखना था। लेकिन अंजाम यह हुआ कि डीएसपी रैंक के अधिकारियों ने रात की पैट्रोलिंग ही बंद कर दी। मोहल्ला कमिटी के नाम पर थानाक्षेत्र में सक्रिय दलाल हावी हो गए हैं जो थानेदारों और माफियाओं के बीच सेतु का काम कर रहे हैं।

.बॉक्स

मोहल्लों में लगने थे सीसीटीवी, बनना था व्हाट्सअप ग्रुप

रांची जिले के 16 थाना क्षेत्रों में मोहल्ला समिति का गठन हुआ। समिति की ओर से मोहल्ले के ऐसे क्षेत्रों में सीसीटीवी लगाने का निर्णय लिया गया, जहां इसकी जरूरत है। मोहल्ला समिति का एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया जाना था। इसमें वहां के गणमान्य लोगों के अलावा पुलिस के अफसर भी शामिल होते। मोहल्ले में पुलिस की ओर से पोस्ट बॉक्स लगाया जाना था, जिसमें शिकायतें आतीं जिस पर गंभीरता से कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया। मोहल्ला समिति द्वारा चौकीदार को भी प्रतिनियुक्त करने की बात थी। चार से लेकर 15 सदस्य प्रत्येक मोहल्ला समिति में शामिल किए जाने थे लेकिन वर्तमान में ये सारे प्लान पूरी तरह फेल हो चुके हैं। इनमें भाषणों और आश्वासनों के अलावा जनता के लिए कोई भी सकारात्मक पहल नहीं की गई।

साल 2018 को क्रिमिनल्स ने ऐसे दी विदाई

राज्य पुलिस की ढीली-ढाली कार्यशैली और आश्वासनों को पूरा नहीं किए जाने के कारण 2018 को क्रिमिनल्स ने कुछ इस अंदाज में विदाई दी.आंकड़ों का हाल ।

माह हत्या डकैती लूट अपहरण

अगस्त 158 15 47 144

सितम्बर 171 18 36 136

अक्टूबर 156 09 53 122

नवंबर 162 11 40 121

दिसंबर 132 14 40 147

Posted By: Inextlive