- डीआईजी व एसएसपी ने दी अनिवार्य सेवानिवृत्ति

- मुख्यमंत्री के आदेश पर डिस्ट्रिक्ट के पुलिसकर्मियों का खंगाला गया रिकॉर्ड

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7 - पुलिस कर्मियों को किया नौकरी से बाहर

4 - अधिकारी स्क्रीनिंग कमेटी में शामिल

288- पुलिसकर्मियों की गई थी स्क्रीनिंग

1- एक महीने पहले आया था सीएम का आदेश

15 - दिन लगे कमेटी को पुलिस कर्मियों की स्क्रिनिंग करने में

7 - प्वाइंट पर की गई स्क्रीनिंग

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बरेली : सरकारी नौकरी करने वाले ठीक से समझ लें, अब जो अलर्टनेस के साथ काम करेगा वही सरकारी विभागों में बना रहेगा। इनकम टैक्स, सीबीआई, रिजर्व बैंक व आईपीएस व पीपीएस नाकारा अफसरों के बाद अब बरेली के नकारा पुलिसकर्मी भी रडार पर आ गए है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर डीआइजी व एसएसपी ने 1 इंस्पेक्टर 1 सब इंस्पेक्टर, 1 हैंड कांस्टेबल समेत 7 पुलिस कर्मियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी है।

सीएम ने दिया था आदेश

स्क्रीनिंग के बाद लिया एक्शन

डीआईजी राजेश कुमार पांडे व एसएसपी मुनिराज जी के निर्देश पर 4 पुलिस अफसरों की एक समिति बनाई गई थी। जिसमें एसएसपी मुनिराज जी, एसपी रूरल संसार सिंह, एसपी सिटी अभिनंदन सिंह और एसपी क्राइम राजेश कुमार भारतीय को शामिल किया गया। समिति ने 50 साल की उम्र पूरी कर चुके जिले के सभी पुलिस कर्मियों का रिकार्ड खंगाला। इस दौरान 288 पुलिसकर्मी समिति के रडार पर आ गए। इसके बाद उनकी स्क्रीनिंग की प्रक्रिया शुरू हुई। इसके बाद एक दरोगा, 1 हेड कांस्टेबल, 4 पुलिस कर्मियों को चिह्नित किया गया। उनकी रिपोर्ट बनाकर एसएसपी को सौंपी गई। रिपोर्ट के आधार पर उनकी अनिवार्य सेवानिवृत्ति की गई। इसके साथ डीआईजी की समिति ने एक इंस्पेक्टर को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी।

इन बिंदुओं पर हुई स्क्रीनिंग

- कितनी बार पुलिसकर्मी ने शराब पीकर हंगामा किया

- ड्यूटी के दौरान कितनी बार अपने अधिकारियों के साथ अभद्रता की।

- बिना बताए कितनी बार गैर हाजिर हुए।

- कितनी बार आपराधिक मामलों में लिप्त पाए गए।

- दुष्कर्म, चोरी, रिश्वत, छेड़छाड़, लूट आदि मामलों में जेल तो नहीं गए।

-कर्तव्यनिष्ठा व ईमानदारी

इन्हें दी अनिवार्य सेवानिवृत्ति

डीआईजी राजेश कुमार पांडे ने बताया कि जांच कमेटी की स्क्रीनिंग रिपोर्ट के बाद इंस्पेक्टर ब्रह्मा सिंह को सेवानिवृत्ति कर दिया गया है। इसके साथ एसएसपी मुनिराज जी ने बताया कि स्क्रिनिंग के बाद दरोगा महेंद्र सिंह, हेड कांस्टेबल शिव कुमार सिंह, कांस्टेबल नन्हकई लाल, कांस्टेबल प्रीतम सिंह, कांस्टेबल अय्यूब खां, कांस्टेबल गंगा राम को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई।

एसएसपी ने बताया कि पिछले महीने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए थे कि वह अपने विभाग में नाकारा पुलिस कर्मियों की पहचान करें। पुलिस अधिकारियों द्वारा एक कमेटी बनाकर उनकी स्क्रीनिंग करें। उसकी रिपोर्ट के बाद उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दें।

Posted By: Inextlive