Meerut: लिसाड़ी गेट थाना एरिया की जाकिर कॉलोनी में स्टील कारोबारी के कत्ल का खुलासा पुलिस ने कर दिया. कातिल कोई और नहीं बल्कि मरने वाले के अपने ही थे जो अपने चाचा और दादा की नौकरी करने से आजिज आ गए थे. इस केस में रंजिशन दूसरे लोग नामजद कराए गए थे लेकिन वे निर्दोष लोग जेल जाने से बच गए.


यह था मामला
जाकिर कॉलोनी में रहने वाले इमरान पुत्र अब्दुल वाहब की आरटीओ के सामने इमरान स्टील्स वक्र्स के नाम से दुकान है। आठ अक्टूबर की दोपहर करीब डेढ़ बजे इमरान अपने पिता वाहब के साथ बैठा था। तभी दो युवक आए और पिस्टल निकालकर इमरान व वाहब पर गोलियां दाग दी। इमरान को पेट में गोली लगी थी, लेकिन अब्दुल वहाब ने कातिल का हाथ पकड़ लिया था। फायरिंग करने वाले दूसरे युवक ने अब्दुल पर फायरिंग कर दी थी, जिसमें वहाब के कान के पास से गोली निकलकर गई थी। इमरान ने अगले दिन अस्पताल में दम तोड़ दिया था.

षडय़ंत्रकारी ने ही दर्ज कराई थी रिपोर्ट
इस कत्ल में इमरान की दुकान पर काम करने वाले इसके भतीजे इरफान ने लिसाड़ी गेट में तहरीर दी थी, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि शास्त्री नगर के जावेद और जाकिर उर्फ जग्गा व एक अज्ञात ने उसके चाचा इमरान और दादा वहाब को गोली मारी थी। पुलिस ने भी इस मामले को इमरान की प्रेमिका शैला मर्डर से जोड़ा था.

कातिल निकला भतीजा
लिसाड़ी गेट पुलिस ने इस केस का खुलासा किया और असली कातिलों को खोज निकाला। कातिल कोई और नहीं बल्कि रिपोर्ट दर्ज कराने वाला इरफान ही निकला। पुलिस के अनुसार जब हमला हुआ तो उस दिन की सभी लोगों की कॉल डिटेल निकलवाई गईं। जिन पर केस दर्ज कराया गया था उनका इससे कोई लेना-देना नहीं था। आरोपी इरफान सैफी को हिरासत में लेकर जब पूछताछ की गई तो उसने इस कत्ल में शामिल होना कबूल लिया.

आरोपी ने कबूला
पुलिस के अनुसार इरफान ने बताया कि उसके दादा की दो शादियां हुई हैं। पहली पत्नी से मृतक इमरान है। दूसरी शादी इरफान की दादी से हुई थी। जिनके पहले पति से हुए इरफान के पिता मुन्नू साथ आए थे। इरफान का कहना है कि उसके पिता टैक्सी चलाते हैं। चाचा इमरान का स्टील व फेब्रिकेशन का बिजनेस है। पूरा बिजनेस चाचा इमरान और दादा चलाते हैं। कानूनी तौर पर दादा की पूरी संपत्ति का वारिश भी इमरान ही था.

कत्ल की प्लानिंग
इरफान का कहना है कि काम करने के बावजूद दादा और चाचा उसके परिवार के भरण पोषण का खर्चा नहीं देते थे। चाचा इमरान छोटी-छोटी बातों पर मारते पीटते थे। इसी बीच करीम नगर के साजिद से चाचा व दादा का विवाद चल रहा था, जिसने इमरान को चाचा और दादा के खिलाफ भड़काया.

हायर किए शूटर
कत्ल के लिए इमरान ने अपने मित्र चमड़ा पैठ के शादाब उर्फ भूरा से सलाह ली। शादाब ने मतलूब उर्फ सेठी को मिलवाया। सेठी ने इमरान से दादा और चाचा को मरवाने के लिए सौदा दस लाख रुपए में तय किया। सेठी ने तीन शूटर इकबाल नगर मोती मस्जिद के पास का आमिर, अब्दुल करीम और गद्दीवाड़ा खुर्जा बुलंदशहर के जीसान को हायर किया। इन तीनों को हथियार भी इमरान ने ही दिलवाए थे। इसके अनुसार ही कत्ल की साजिश को अंजाम दिया गया.

ये हैं आरोपी

पुलिस ने जाकिर कॉलोनी के इरफान, लिसाड़ी गेट के इकबाल नगर में रहने वाले अब्दुल करीम, आमिर जो हाल में दिल्ली त्रिलोकपुरी में रह रहा था, लखीपुरा का शादाब उर्फ भूरा और जाकिर कॉलोनी के मतलूब उर्फ सेठी को गिरफ्तार कर लिया। इनका एक साथी जीशान अभी फरार है। इनके पास से एक पिस्टल व कारतूस, तीन तमंचे व कारतूस, एक स्पलेंडर बाइक और पांच मोबाइल व आठ सौ रुपए बरामद किए गए.

Posted By: Inextlive