Meerut: भगवान के घर में चोर पहले ही दस्तक दे चुके हैं. अब भगवान की मूर्तियों को चोरी करके उनकी स्मगलिंग भी कर रहे हैं. ऐसे प्राचीन मूर्तियों के सौदागरों को लिसाड़ी गेट पुलिस ने धर दबोचा. इनके पास से पुलिस ने एक बेशकीमती धातु की मूर्ति बरामद की. इसे बेचने की तैयारी थी लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने इनको गिरफ्तार कर लिया.


ये पकड़े गएलिसाड़ी गेट पुलिस को मुखबिर से जानकारी मिली कि दो युवक भगवान महावीर जैन की अष्टधातु की मूर्ति को हस्तिनापुर बेचने जा रहे हैं। इस जानकारी के बाद पुलिस ने गोला कुआं से दो संदिग्ध युवकों को पकड़ा। जब इनकी तलाशी ली गई तो इनके पास से महावीर जैन की मूर्ति बरामद की गई। पकड़े गए बदमाशों में एक फाजलपुर कंकरखेड़ा का रहने वाला सिराजुद्दीन, जो हाल में चमड़ा पैठ के पास गली नंबर बीस में रह रहा है, दूसरा श्याम नगर गली नंबर छह का रहने वाला बाबर है। इनका एक साथी शामली का सलीम पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सका।अनमोल मूर्ति
पुलिस के अनुसार यह मूर्ति चार किलो से अधिक वजन की है, जिसकी कीमत इंडिया में करीब डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक है। साथ ही इंटरनेशनल मार्केट में इसकी कीमत आंकना मुमकिन नहीं है। पकड़े गए आरोपियों में बाबर सुनार का काम करता है। इसने बताया कि यह मूर्ति मुजफ्फरनगर शामली के सलीम ने इनको चोरी करके लाकर दी थी। इसे बेचने के लिए हस्तिनापुर जाने वाले थे। पुलिस का कहना है कि बरामद मूर्ति का परीक्षण पुरातत्व विभाग से कराया जाएगा। पहले भी पकड़े जा चुके हैं


पकड़े गए ये आरोपी पहले भी पुलिस के हत्थे चढ़े थे। इससे पहले इन लोगों ने मुंबई में एक मूर्ति बेची थी, जिसमें बाबर जेल गया था। इसके बाद इसी कोशिश में दिल्ली में भी पकड़े गए। साथ ही ये बदमाश नकली धातु की मूर्तियों को प्राचीन और कीमती बताकर भी बेचते हैं। बाबर के अनुसार वह ऐसी मूर्तियों को लाकर उन पर सोने का कलर करके भी बेचता है। सुनार का काम करने के साथ यह इनका साइड बिजनेस है। "पकड़े गए बदमाशों के पास से अष्टधातु की महावीर जैन की मूर्ति बरामद की गई, जिसका सौदा करने हस्तिनापुर जा रहे थे। यह बेशकीमती मूर्ति है। जिसकी इंटरनेशनल कीमत काफी अधिक है। इससे पहले भी ये ऐसी मूर्तियां सेल करते हुए पकड़े जा चुके हैं."- रूपेश सिंह, सीओ कोतवाली

Posted By: Inextlive