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क्कन्ञ्जहृन् : गर्दनीबाग धरनास्थल गुरुवार को कम्प्यूटर टीचरों और पुलिस बीच जंग का अखाड़ा बन गया। अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे कम्प्यूटर टीचरों को पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर मारा। इससे कई प्रदर्शनकारी टीचर गंभीर रूप से घायल हो गए। सरकार ने राज्य विभिन्न हाई स्कूलों में तैनात इन टीचरों को हटा दिया था। इसके विरोध में टीचरों ने गर्दनीबाग धरना स्थल पर जोरदार प्रदर्शन किया। सूचना मिलते ही पुलिस बल और रैफ के जवानों धरनास्थल पर पहुंचे और इन्हें रोकने का प्रयास किया। इस दौरान टीचरों और पुलिस के बीच तरकरार हुई। इसके बाद पुलिस ने टीचरों पर जमकर लाठियां बरसा दीं। प्रदर्शकारियों को उग्र होते देख वाटर कैनन का प्रयोग किया गया। नौकरी से हटाए गए टीचर साल भर से अधिक समय से गर्दनीबाग स्थित धरना स्थल पर प्रदर्शन कर रहे थे। गुरुवार को प्रदेश भर से आए कम्प्यूटर टीचरों ने एकजुटता दिखाते हुए सरकार के शिक्षा विरोधी रवैये के खिलाफ जमकर प्रदर्शन कर रहे थे।

क्या है पूरा मामला

यह पूरा मामला बिहार सरकार के हाई स्कूलों में दो साल पहले पढ़ा रहे कम्प्यूटर शिक्षकों का है। दरअसल तीन निजी कंपनियों के माध्यम से ये विभिन्न हाई स्कूलों में संविदा पर थे। जब दो वर्ष पूर्व कंपनियों का कांट्रैक्ट पूरा हुआ तो प्रदेश भर में तैनात 1832 कम्प्यूटर शिक्षकों बेरोजगार हो गए। इसके बाद करीब दो साल से ये फिर से और स्थायी बहाली की मांग को लेकर धरने पर थे।

नाले में गिर गए मजिस्ट्रेट साहब

लाठीचार्ज के दौरान मौके पर मौजूद मजिस्ट्रेट एमएस खान पर वाटर कैनन की बौछारें पड़ीं और वे नाले में जा गिरे। पुलिस बल की इस पर तुरंत नजर पड़ी और उन्हें सुरक्षित निकाला गया। उन्होंने बताया कि वे जहां खड़े थे तो यह देख नहीं सके कि उनके ठीक पीछे नाला खुला है और उसमें गिर पड़े।

Posted By: Inextlive