-प्रेस कॉन्फ्रेंस में बदमाशों को लाकर मेडिकल के बहाने तुरंत भेज दिया

BAREILLY: अहलादपुर एनकाउंटर के बाद अब सुभाषनगर महेशपुरा फाटक मुठभेड़ पर भी सवाल उठने लगे हैं। चर्चा है कि इन बदमाशों को भी क्राइम ब्रांच ने एक दिन पहले पकड़ लिया था और दूसरे दिन रात में मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार दिखा दिया। पुलिस गिरफ्त में आए 5 बदमाशों में से 3 को प्रेस कॉन्फ्रेंस में पेश करने के लिए पुलिस लेकर आयी लेकिन इन्हें फोटो खिंचवाने के बाद तुरंत मेडिकल के बहाने भेज दिया गया, वहां मौजूद मीडिया को उनसे बात करने तक का मौका नहीं दिया। शायद पुलिस को इस बात का डर था कि कहीं बदमाश मुठभेड़ का सच मीडिया के सामने उजागर न कर दें।

रात के अंधेरे में सटीक निशाना

पुलिस की मानें तो लुटेरे आगरा के मीट कारोबारी से करोड़ों की लूट करने के लिए जा रहे थे लेकिन उससे पहले ही मुखबिर ने सूचना दे दी। क्राइम ब्रांच की टीम बदमाशों को पकड़ने के लिए खाली पड़ी गन्ना मिल के पास इनोवा गाड़ी का इंतजार करने लगी कि तभी एसएचओ सुभाषनगर भी जीप के साथ पहुंच गए और महेशपुरा फाटक के पास मुठभेड़ हो गई। रात के अंधेरे में पुलिस का सीधा निशाना बदमाशों के पैरों पर लगा, लेकिन यहां एक भी बदमाश की गोली पुलिस को नहीं लगी।

आगरा के व्यापारी का भी नहीं किया खुलासा

पुलिस की मानें तो गिरफ्त में आए बदमाशों की पहचान मुन्ने खां, वली शाह उर्फ लंबू, सईम उर्फ चीमा, शरीफ और धर्मेद्र गंगवार के रूप में हुई है। मुठभेड़ में मुन्ने खां और वली शाह घायल हुए हैं। पुलिस की मुठभेड़ रात साढ़े 11 बजे हुई है, लेकिन एफआईआर 4 घंटे बाद दर्ज की गई है। बदमाश आगरा में किस व्यापारी को लूटने जा रहे थे, इसका भी खुलासा पुलिस ने नहीं किया है। वली और मुन्ने पर पहले से ही 7-7 मुकदमे, सईम पर 12 और शरीफ पर 1 मुकदमा दर्ज है।

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टायर लूटेरों की गिरफ्तारी में भी क्रेडिट का खेल

एसएसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 12 दिसंबर 2018 को बहेड़ी के आमडंडा बैरियर के पास रुद्रपुर उत्तराखंड के हरपिंदर सिंह से ट्रक चेचिस लूटने वाले बदमाशों को भी क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। पिकअप सवार 4 बदमाशों ने चेचिस लूटने के बाद उसे जहानाबाद में छोड़ दिया था और उसके 9 टायर लेकर फरार हो गए थे। गिरफ्त में आए लुटेरों की पहचान ऊधमसिंह नगर निवासी गुरतेज सिंह और विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्की के रूप में हुई है। आकाशदीप और प्रिंसपाल सिंह अभी भी फरार हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा करने वाली टीम में क्राइम ब्रांच भी शामिल है लेकिन थाने में जो एफआईआर लिखी गई है, उसमें बहेड़ी के एसआई सतेंद्र सिंह ने हमराह के साथ मुखबिर की सूचना पर लुटेरों को गिरफ्तार किया है।

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-बदमाशों के मोबाइल नंबर मिले लेकिन उनके साथियों का नहीं लगा पाए पता

15 लाख की लूट करने वाले बदमाशों को 9 घंटे में एनकाउंटर में ढेर कर वाहवाही लूटने वाली बरेली की सुपर कॉप 3 दिन बाद भी मारे गए बदमाशों के फरार 3 साथियों को ट्रेस नहीं कर पायी है, जबकि पुलिस के पास बदमाशों के मोबाइल नंबर भी हैं। क्या पुलिस का सर्विलांस सिस्टम स्लो है या अब पुलिस के मुखबिर काम नहीं आ रहे हैं। जब तक फरार लुटेरे गिरफ्त में नहीं आते तब तक न तो लूट की प्लानिंग का पता चल सकता है और न ही लूट के भेदिए का।

दो मोबाइल हुए थे बरामद

एनकाउंटर में मारे गए बदमाशों के पास से दो मोबाइल बरामद हुए थे। इन मोबाइल से हुई बातचीत के आधार पर पुलिस संदिग्ध बदमाशों को ट्रेस कर रही है। जब तक फरार बदमाश पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ते हैं, तब तक लूट की रकम दो बैग से एक बैग में आने का भी खुलासा नहीं हो सकता है। एसएसपी का कहना है कि कुछ संदिग्ध नंबर मिले हैं, जिसके जरिए बदमाशों को ट्रेस किया जा रहा है। बदमाशों की गिरफ्तारी के बाद लूट की पूरी प्लानिंग का खुलासा हो सकता है।

आखिर कौन कर रहा ज्वैलर्स की रेकी

बरेली के ज्वैलर्स अब बाहरी बदमाशों के निशाने पर हैं। बरेली में मेरठ, अलीगढ़, एटा, मुरादाबाद और संभल के लुटेरे आकर वारदात को अंजाम दे रहे हैं। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि लुटेरों के लिए ज्वैलर्स की मुखबिरी कौन कर रहा है। गांधी नगर और कोहाड़ापीर में हुई लूट की वारदातों में संभल के बदमाशों के ही शामिल होने से साफ हो रहा है कि इन दोनों वारदातों की रेकी किसी भेदिए ने ही की है, जिसे दोनों ज्वैलर्स के बारे में पूरी जानकारी थी, क्योंकि दोनों वारदातें एक सप्ताह के अंदर की गई। दोनों ही मामलों में पुलिस अभी तक रेकी करने वाले का भी पता नहीं लगा सकी है।

Posted By: Inextlive