अधिकारियों की मेहरबानी ने लिखी घोटाले की कहानी
-तीनों आरोपियों पर चौरीचौरा पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
-रिकवरी एजेंट टीएन बाबा लोन मैनेजर की भूमिका में करता था काम i update sateyndra.yadav@inext.co.inGORAKHPUR: एसबीआई के चौरीचौरा शाखा में हुए गोल्ड घोटाले के खुलासे से पूरे राज्य में सनसनी फैल गई है। इस मामले में अब नए तथ्य सामने आ रहे हैं। घोटाले के मुख्य आरोपी रिकवरी एजेंट को बैंक के अंदर और बाहर काम करने की पूरी छूट बैंक अधिकारियों ने दे रखी थी। यानि यह समझिए कि बैंक में रिकवरी एजेंट का ही सिक्का चलता था। जबकि, यह बैंक का कर्मचारी भी नहीं था। लोन के मामले में यह जो बोलता था अधिकारी काम कर देते थे। चार साल पहले कमीशन पर लोन की रिकवरी के लिए बैंक से जुड़ा त्रयंबक उर्फ टीएन बाबा सर्राफ से मिलकर कम दाम के सोने को ज्यादा दाम का बता देता था और लोन पास करा देता था। फिर लोन लेने वाले से अपना कमीशन वसूल लेता था। बैंक मैनेजर धर्मेन्द्र सिंह के एप्लीकेशन पर चौरीचौरा पुलिस ने बैंक क्लर्क प्रेमचंद, रिकवरी एजेंट त्रयंबक उर्फ टीएन बाबा तथा स्वर्ण व्यावसायी जमुना प्रसाद पर एफआईआर दर्ज कर ली है।
अधिकारियों ने खोल रखे थे रिकवरी एजेंट के हाथलोन की वसूली के लिए प्राईवेट कंपनियों के माध्यम से कमीशन पर बैंक एक कर्मचारी को जिम्मेदारी देते हैं कि वह बैंक की ओर से एनपीए की वसूली करेगा। इन्हें ही रिकवरी एजेंट कहते हैं, बैंक ऑफिस के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का इन्हें कोई अधिकार नहीं होता है। लेकिन यहां टीएन बाबा को बैंक के अधिकारियाें की ओर से खुली छूट मिली हुई थी। बैंक के कर्मचारी उस पर इतना विश्वास करते थे कि वह जो कुछ भी बताता था उस पर आंख मूंद कर विश्वास कर लिया जाता था। उसने इसी बात का फायदा उठाते हुए जमकर हेरा-फेरी की और जैसे ही भेद खुलने की भनक लगी फरार हो गया।
रिकवरी एजेंट गोल्ड लोन संबंधी कामों को क्यों देख रहा था यह मैं नहीं बता सकता। क्योंकि घटना मेरे कार्यकाल में नहीं हुई है। धर्मेद्र सिंह, बैंक मैनेजर, एसबीआई चौरीचौरा