Police fire to quell powermen
रास्ता बदलकर भागने लगे
सड़क से गुजरने वाले अपना रास्ता बदलकर भागने लगे। दरअसल पहले से ही धरना दे रहे कांट्रैक्ट पर बहाल विद्युत विभाग के कर्मी की जमकर पिटाई हुई। इसमें महिलाकर्मियों के अलावा आधा दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हो गये।
परमानेंट करने की मांग
हजारों की संख्या में विद्युत भवन के पास धरना दे रहे स्टाफ की मांग थी कि उन लोगों को परमानेंट किया जाये। पिछले छह सालों से ये लोग कांट्रैक्ट पर काम कर रहे हंै। इसमें एसबीएम, जेएलएम, असिस्टेंट आपरेटर, जूनियर इलेक्ट्रिकल इंजीनियर और असिस्टेंट इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के पोस्ट पर इन लोगों की बहाली हुई थी। इन्हें छह हजार से दस हजार तक फिक्स सैलेरी दी जाती है। इन लोगों का कहना था कि जब एक साल के लिए कांट्रैक्ट किया गया तो फिर छह साल तक काम क्यों करवाया गया।
बात कर लौटे ही थे
धरना दे रहे कर्मियों का दल मेम्बर एडमिनिस्ट्रेशन राणा अवधेश सिंह से बात कर निकले ही थे कि बवाल मच गया। बात करने वाले दल के मेंबर उदय ने बताया कि हमलोग मीटिंग करने के बाद 14 दिनों की नोटिस देने वाले थे। अगर हमारी मांगें पूरी नहीं होती हैं तो हम हड़ताल करेंगे। लेकिन इससे पहले ही लाठियां चलने लगीं। फायरिंग होने लगी। यह पूरी तरह से नाइंसाफी है। बीच रोड पर दौड़ा दौड़ाकर मारा गया है। मानों हमलोगों ने बहुत बड़ा गुनाह कर दिया हो।
एक दिन भी छुट्टी नहीं
विद्युत बोर्ड में कांट्रैक्ट बेसिस पर करीब दो हजार से अधिक स्टाफ्स वर्ष 2006 से बहाल किये गये हैं। इसमें करीब 200 महिलायें हैं। धरना दे रहे स्टाफ्स का कहना था कि महिलाओं से भी रात में ड्यूटी ली जाती है। आठ घंटा कौन कहे 24 घंटे ड्यूटी देनी पड़ती है। एक भी दिन छुट्टी नहीं दी जाती। इसके बाद भी बाहर से लोगों को बहाल किया जा रहा है। कैम्पस कर नौकरी दी जा रही है। इसमें बोर्ड के अधिकारी मिले हुए हैं।
कैसे चली गोली, होगी जांच
प्रदर्शनकारियों पर आखिर गोली चलाने का आदेश किसने दिया, इसकी जांच होगी। सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि डीएम संजय कुमार सिंह और एसएसपी अमृत राज संयुक्त रूप से मामले की जांच करेंगे। बिना मजिस्ट्रेट के आदेश के हवाई फायरिंग कैसे हो गयी।
हरेराम पाण्डेय, प्रवक्ता, विद्युत बोर्ड.
स्थिति गंभीर हो गयी थी। पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। फायरिंग की बात कही जा रही है। इंवेस्टिगेशन किया जा रहा है।
अमृत राज, सीनियर एसपी.