-70 वर्ष के वृद्ध के आगे हस्तिनापुर पुलिस पस्त, किया गुंडा एक्ट में निरुद्ध

- आपसी झगडे़ के बाद वृद्ध पर पुलिस ने कर दी कार्रवाई

Mawana : उम्र के आखिरी पड़ाव पर पहुंच रहे दरियारपुर निवासी हरीचंद (70) पर जमीनी विवाद में मुकदमा दर्ज हुआ तो मानों उन पर पहाड़ टूट पड़ा। पुलिस ने वृद्ध का जनता में भय व्याप्त, अपराध में अग्रसर और अभ्यस्त बताकर गुंडा एक्ट की कार्रवाई कर रिपोर्ट एसडीएम न्यायालय को भेज दी। एसडीएम के जांच आदेश के बाद भी पुलिस ने वृद्ध की उम्र की सही तस्दीक नहीं की और सौंपी रिपोर्ट में वृद्ध की उम्र 55 वर्ष बताकर कार्रवाई की संस्तुति कर दी। जबकि उसके बेटे की उम्र 50 वर्ष है। अब वृद्ध न्याय पाने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहा है।

पुलिस ने दी रिपोर्ट

थाना प्रभारी हस्तिनापुर प्रमोद कुमार सिंह ने एसडीएम न्यायालय को 13 मार्च 15 को रिपोर्ट भेज कर कहा कि 70 वर्षीय वृद्ध हरीचंद पुलिस की नजरों से बचकर अपराध की ओर अग्रसर है। उसके कृत्यों से जनता में भय है, जिसका जनता के बीच रहना जनहित में नहीं है। जिसे अपराध से रोका जाना बेहद जरूरी है। जिसके खिलाफ थाना पर अपराध संख्या 314 दिनांक 2015 पर रिपोर्ट दर्ज है। थाना प्रभारी ने गुंडा एक्ट की कार्रवई के लिए संस्तुति की थी।

रिपोर्ट पूरा गांव हैरान

एसडीएम न्यायालय ने 23 मार्च को थाना प्रभारी और वृद्ध को नोटिस भेज कर 1 अप्रैल को सुनवाई का मौका दिया। उसमें कहा कि क्यों न हरीचंद को एक तक सदाचार बनाए रखने के लिए 50 हजार रुपये के मुचलका और इतनी धनराशि के दो जमानती लिये जाए। वृद्ध हरीचंद को गुंडा एक्ट में निरुद्ध करने पर जहां परिजन बेहद परेशान हैं वहीं गांव वाले भी पुलिस के इस कृत्य पर हैरान हैं। उनका आरोप है कि पुलिस ने जांच किये बिना ही तहसील दिवस पर की शिकायत पर जांच में उनकी उम्र 55 वर्ष लिखकर भेज दी। पुलिस ने जांच करते समय ये भी नही देखा कि जिस बाप को 55 वर्ष का बताकर गुंडा एक्ट की कार्रवाई की जा रही है। वहीं उसके पुत्र को 50 वर्ष का दर्शा कर उसे भी गुंडा एक्ट में निरुद्ध करने की तैयारी है।

55 का बाप और बेटा 50 का

गुंडा एक्ट की कार्रवाई करते समय पुलिस ने एक तरफा कार्रवाई करते हुए इतना भी देखने की जहमत नही उठाई कि जिस हरीचंद की उम्र 55 वर्ष दर्शाई जा रही है । उसके पुत्र सोहनवीर की उम्र 50 वर्ष कैसे हो सकती है। ताज्जुब इस बात का है कि पुलिस की भेजी रिपोर्ट के बाद एसडीएम के नोटिस में भी हरीचंद की उम्र 55 और उनके पुत्र सोहनवीर की उम्र 50 वर्ष दर्शाई गई है।

आज ही चार्ज लिया है। फाइल देखकर ही कुछ बताया जा सकता है। अगर ऐसा है तो थाना पुलिस से दोबारा जांच कराकर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। निर्दोष है तो गुंडा एक्ट की कार्रवाई निरस्त की जाएगी।

- राम भरत तिवारी, एसडीएम, मवाना

क्या है गुंडा एक्ट?

इसके तहत बार बार अपराध करने वालों खिलाफ पुलिस गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई करती है। अपराध करने वाले का पूरा लेखा जोखा तैयार कर कलेक्टर के पास इस्तगासा पेश करती है। कलेक्टर संबंधित व्यक्ति को नोटिस जारी कर उसकी सुनवाई करते हैं। उसके बाद उसे जिला बदर घोषित करता है। जितने दिन के लिए जिला बदर किया जाता है तब तक वह व्यक्ति जिले की सीमा में नहीं रह सकता और उसे जिस जिले में भेजा जाता है वहां के एक थाने में उपस्थिति देनी होती है।

गुंडा उन लोगों पर लगता है जो आईपीसी धाराओं का बार-बार उल्लंघन कर रहा हो और समाज को उससे हानि हो रही हो। ऐसे में कलक्टर उसे नोटिस जारी कर उक्त मोहल्ले, तहसील या जिले से एक साल के लिए बाहर भेज सकता है।

- अनिल बख्शी, सीनियर एडवोकेट

तमाम अपराध करने के बाद कलक्टर सेक्शन-3 के तहत अपराधी को नोटिस जारी करता है। उसके बाद सेक्शन-4 में जिला बदर करने का अधिकार होता है।

- रामकुमार शर्मा, एडवोकेट

Posted By: Inextlive