विधायक पप्पू भरतौल के घर दबिश के बाद बिगड़ा माहौल
-एसएसपी व एसपी सिटी को सस्पेंड करने व उनके खिलाफ एफआईआर की मांग
-बीजेपी संगठन के पदाधिकारियों ने शासन व डीजीपी से की बातBAREILLY: खजुरिया और उमरिया के बीच विवाद अब सत्ताधारी पार्टी बीजेपी तक जा पहुंचा है। विधायक पप्पू भरतौल उर्फ राजेश मिश्रा पर दो-दो एफआईआर दर्ज करने के 12 घंटे में ही विधायक के घर एसपी सिटी अभिनंदन सिंह ने भारी फोर्स की मौजूदगी में दबिश दे दी, जिससे माहौल बिगड़ गया। विधायक और समर्थकों की नाराजगी के बाद केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार और प्रदेश उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम खंडेलवाल व अन्य संगठन पदाधिकारियों की मौजूदगी में सर्किट हाउस में मीटिंग हुई। मीटिंग में एसएसपी मुनिराज जी और एसपी सिटी को सस्पेंड करने और इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। पदाधिकारियों ने संगठन मंत्री भवानी सिंह और डीजीपी से भी बात की। संगठन के लोग आईजी से भी मिले और फिर कार्रवाई का आश्वासन देकर कार्यकर्ताओं को शांत किया। दो दिन में कार्रवाई न होने पर विधायक और संगठन के लोग सीएम से मिलकर शिकायत करेंगे।
दबिश से भड़के विधायक-समर्थकपुलिस की दबिश के बाद विधायक ने पार्टी के सीनियर नेताओं से बात की। उन्होंने डीजीपी को भी फोन किया। विधायक और उनके पड़ोसियों के घर सूर्या एंक्लेव में दबिश से समर्थक भी नाराज हो गए। व्यापारी संगठन भी विधायक के समर्थन में आ गए। जिसके बाद सैकड़ों लोग विधायक के कार्यालय में इकट्ठे हो गए। यहां विधायक ने आईजी के पास जाकर गिरफ्तारी की बात कही। जिसके बाद सैकड़ों लोग कार, बाइक व अन्य साधनों से बारिश में ही सर्किट हाउस ि1नकल गए।
केंद्रीय मंत्री की मौजूदगी में मीटिंग सर्किट हाउस में केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार, बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष व बरेली जिला प्रभारी पुरुषोत्तम खंडेलवाल, सांसद धर्मेद्र कश्यप, विधायक अरुण कुमार, विधायक छत्रपाल गंगवार, विधायक बहोरनलाल मोर्या, महानगर अध्यक्ष उमेश कठेरिया, गौरव भाटिया व अन्य की मौजूदगी में मीटिंग हुई। मीटिंग में पुलिस की कार्रवाई के बारे में बताते हुए नाराजगी जाहिर की गई। मीटिंग में कहा गया कि पहले तो सत्ताधारी पार्टी के विधायक के खिलाफ पुलिस ने बिना विधानसभा अध्यक्ष की परमिशन से एफआईआर दर्ज कर दी। यही नहीं फिर बिना परमिशन के घर में दबिश दे दी। यह तो पुलिस की गुंडई है। जिसके बाद कार्रवाई के लिए संगठन मंत्री से बात की गई और सीएम को भी इससे अवगत कराने के बारे में कहा गया। एसएसपी व एसपी सिटी पर आरोपविधायक व समर्थकों का मानना है कि एफआईआर और दबिश के लिए एसएसपी व एसपी सिटी ही दोषी हैं। इन लोगों ने अपनी इगो के चलते कार्रवाई की है। विधायक ने कहा कि उनके खिलाफ तो ऐसे कार्रवाई की जा रही है, कि जैसे वह आतंकी हो। वह कोई भाग तो गए नहीं थे फिर पुलिस ने उनके घर दबिश क्यों दे दी। वह तो खुद गिरफ्तारी देने वाले थे। उनके घर तो ठीक लेकिन पड़ोसियों के घर क्यों दबिश देकर डराया गया। उनके घर में तो बेटी और पत्नी ही मौजूद थीं। जैसे ही उन्हें खबर मिली तो वह पहुंच गए। कप्तान को जानकारी नहीं है। हिंदू लोगों पर चुन चुनकर एफआईआर दर्ज की जा रही हैं। उन्होंने कहा सीओ इंटेलीजेंस ने गलत रिपोर्ट दी। सीओ चाहते हैं कि शहर में दंगा हो।
इन अधिकारियों ने डाली दबिश पुलिस सोर्स की मानें तो दबिश एसएसपी के कहने पर डाली गई। एडीजी और आईजी को भी इस बारे में नहीं बताया गया। उसके बाद एसपी सिटी ने सिटी के सभी सर्किल के सीओ और सभी थाना प्रभारियों को इकट्ठा किया और फिर दबिश देने पहुंच गए। एसएसपी मुर्दाबाद के लगे नारेसर्किट हाउस में जब पदाधिकारियों की मीटिंग चल रही थी, तो विधायक समर्थक जमकर नारेबाजी कर रहे थे। समर्थकों ने एसएसपी मुर्दाबाद के नारे लगाए। समर्थकों के शोर से मीटिंग में दिक्कत हुई तो विधायक के बेटे विक्की भरतौल ने समझाने की कोशिश की लेकिन जब कोई नहंी माना तो विधायक खुद ही बाहर निकलकर आए तो कुछ शांति हुई। उसके बाद जिला प्रभारी, सांसद धर्मेद्र कश्यप व अन्य नेता आईजी से जाकर मिले। विधायक भी जाने वाले थे लेकिन समर्थकों के गुस्से के चलते वह नहीं निकले। उसके बाद पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने बीजेपी कार्यकर्ताओं से कहा कि हाई कमान से बात हो गई है। जल्द मामले में सख्त कार्रवाई होगी। सत्ताधारी पार्टी को बदनाम करने की कोशिश करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे, चाहें फिर वह पुलिस क्यों न हो।
दरवाजे व बेंच भी टूट गई सर्किट हाउस में विधायक के अंदर मीटिंग में होने पर समर्थक अंदर घुसने के प्रयास में लग गए। गेट पर मौजूद दो पुलिसकर्मियों के काफी रोकने पर भी समर्थक नहीं माने। जिससे धक्का मुक्की में मेन गेट भी उखड़ गया। यही नहीं समर्थक बरामदे में रखी बेंच पर चढ़ गए, जिससे दो बेंच भी टूट गई। पुलिस विधायक को मान रही जिम्मेदारकांवड़ और मोहर्रम में बवाल की वजह पुलिस सत्ताधारी पार्टी के विधायक पप्पू भरतौल को मान रही है। पुलिस ने विधायक के खिलाफ कैंट और बिथरी चैनपुर थानो में पब्लिक को भड़काने, ताजिये के रास्ते को रोकने, सरकारी काम में बाधा डालने, धार्मिक भावनाएं भड़काने समेत विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। पुलिस का मानना है कि कलारी-चंदपुर के ताजिये रोकने के बाद विधायक ने परम्परागत रूट वाले ताजिये को भी ऑफिस के सामने रोक दिया। जिसकी वजह से ही नकटिया मे ताजिये रोके गए और फिर उमरिया के लोगों ने खजुरिया के लोगों पर हमला करने की कोशिश की। विधायक ने ही दिन में खजुरिया व आसपास के गांवों में भड़काऊ बयान दिया।
इन मामलों में दर्ज हुई एफआईआर बिथरी चैनपुर थाना में एसआई ब्रिजपाल की ओर से विधायक पप्पू भरतौल, गौरव सिंह अरमान, प्रधान कमलेश, किशन लाल बीडीसी मेंबर, संजीव, नत्थू, नीटू, राजेंद्र सिंह, विकास पटेल समेत 32 नामजद और 150 अज्ञात पर एफआईआर दर्ज की है। वहीं कैंट थाने में विधायक के साथ-साथ उनके बेटे विक्की भरतौल, उनके दाहिने हाथ कहे जाने वाले गौरव सिंह अरमान, विनोद दिवाकर और विजय यादव पर भी रिपोर्ट दर्ज की है। इसमें ऑफिस के सामने ताजिये को लाइसेंस हथियार लहराने के साथ कार लगाकर रास्ता रोकने का आरोप लगा है। बीजेपी सरकार में कुछ लोगों को साम्प्रदायिक सौहार्द देखना अच्छा नहीं लग रहा है, चाहें वह पुलिस के लोग ही क्यों न हों। विधायक पाक-साफ हैं। योगी जी की सरकार में देर हो सकती है अंधेर नहीं। शासन स्तर से बात हो रही है, दोषियों के खिलाफ 100 परसेंट कार्रवाई होगी। पुरुषोत्तम खंडेलवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष बीजेपी के पदाधिकारी एसएसपी व एसपी सिटी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर आए थे। उनके खिलाफ शासन स्तर पर कार्रवाई होगी, इसलिए पदाधिकारियों को इस बारे में कह दिया गया। दबिश के बारे में जानकारी नहीं थी। डीके ठाकुर, आईजी रेंज